
आइईएस अफसर इस्तीफा देकर लड़ रहे पार्षद का चुनाव, IIT मुंबई से हैं एमटेक
IES अधिकारी से नेता बने शैंकी बग्गा, पार्षद चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज से सीधी टक्कर
प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित होकर छोड़ी नौकरी, BJP के टिकट पर पहली बार चुनावी मैदान में
राजनांदगांव, 30 जनवरी। भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) के 2013 बैच के अधिकारी शैंकी बग्गा ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति का सफर शुरू किया और अब राजनांदगांव नगर निगम चुनाव में पार्षद पद के लिए मैदान में हैं। उन्होंने दिसंबर 2022 में भाजपा ज्वाइन की थी और अब कांग्रेस के दिग्गज पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
IES की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम
शैंकी बग्गा ने आईआईटी मुंबई से एमटेक करने के बाद UPSC परीक्षा पास कर IES अधिकारी के रूप में कई वर्षों तक सेवा दी। वे नागपुर, भंडारा और ओडिशा में आर्डिनेंस फैक्ट्रियों और अन्य अहम पदों पर कार्यरत रहे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा में क्यों आए शैंकी बग्गा?
शैंकी बग्गा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के “विकसित भारत” के संकल्प को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए राजनीति में आने का निर्णय लिया। 11 दिसंबर 2022 को नागपुर में जब प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की, उसी दिन शैंकी ने अपना इस्तीफा भेजकर VRS के लिए आवेदन दे दिया और भाजपा ज्वाइन करने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस के मजबूत दावेदार से सीधी टक्कर
राजनांदगांव नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 51 पार्षद प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें सबसे चर्चित नाम शैंकी बग्गा का है। उनके सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलबीर सिंह छाबड़ा हैं, जो लगातार पांच बार पार्षद रह चुके हैं और छठवीं बार चुनावी मैदान में हैं।
कुलबीर सिंह छाबड़ा ने शीतला मंदिर जमातपारा वार्ड से लगातार पांच जीत दर्ज की है और वे शहर कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में शैंकी बग्गा और कुलबीर छाबड़ा के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है।
व्यवसायिक पृष्ठभूमि से आए शैंकी बग्गा
शैंकी बग्गा व्यवसायिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता की हार्डवेयर की दुकान है, साथ ही उनका टायर बिजनेस और बीयर बार भी है। तीन भाइयों में सबसे बड़े शैंकी बग्गा अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद चुनाव से कर रहे हैं।
BJP और कांग्रेस के लिए यह चुनाव क्यों अहम?
राजनांदगांव में यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए गौरव की लड़ाई बन गया है। भाजपा युवा चेहरों को आगे बढ़ाकर नगर निगम पर कब्जा करना चाहती है, जबकि कांग्रेस अपने मजबूत प्रत्याशियों के सहारे अपनी पकड़ बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है।
क्या शैंकी बग्गा अपने पहले चुनाव में कांग्रेस के किले को भेद पाएंगे, या कुलबीर सिंह छाबड़ा अपनी जीत का सिलसिला जारी रखेंगे? इसका फैसला जनता के हाथ में है।