सामूहिक जागरूकता से ही डेंगू के डंक से बचा जा सकता है: महापौर जानकी काटजू

आप की आवाज
*बच्चे करेंगे पालकों को डेंगू के लिए जागरूक*
*संवदेनशील इलाकों में आयोजित होंगे नुक्कड़ नाकड़*
*सामूहिक जागरूकता से ही डेंगू के डंक से बचा जा सकता है: महापौर जानकी काटजू*
रायगढ़ =मानसून आने के बाद से जिले में  रूक-रूक कर बरसात हो रही है। यही मौसम डेंगू जैसी बीमारियों के बढ़ने के लिए मुफीद होता है। डेंगू से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, नगर पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। शहरी क्षेत्र में कक्षा आठवीं से ऊपर के बच्चों को डेंगू के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम की टीम स्कूलवार दौरा करने की योजना बना रहा है। निगम से मिली जानकारी के अनुसार बच्चों में जागरूकता सबसे अधिक होती है अगर वही अपने घर को डेंगू मुक्त रखने का प्रण ले तो किसी भी घर में डेंगू नहीं होगा। बीते दिनों डेंगू पर निगम सभागार  में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
*नगर निगम के स्वास्थ्य प्रभारी संजय देवांगन बताते हैं:  “बीते साल जिन जगहों में डेंगू के मामले आए थे और डेंगू के लिहाज से सबसे संवेदनशील इलाकों में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम विभिन्न तरीके से जागरूकता अभियान चलाएगी जिसमें नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को और बेहतर तरीके से समझाया जाएगा।“
*विदित हो कि कोविड संक्रमण काल में मच्छर जनित रोगों से जागरूक होकर ही लड़ा जा सकता है। आसपास सफाई के साथ-साथ पानी एकत्रित नहीं होने पाए इसका सभी को विशेष ध्यान रखना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा कोरोना वायरस के साथ-साथ डेंगू के प्रसार को भी रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
*इस सम्बंध में महापौर जानकी काटजू ने बताया: ‘’ सामूहिक जागरूकता से ही डेंगू के डंक से बचा जा सकता है, डेंगू एडीज एजिप्टी रोग वाहक मच्छर के द्वारा फैलता है। इस रोग का प्रसार अधिकतर जुलाई से नवंबर माह के मध्य होता है। यह मच्छर घर के अंदर और उसके आसपास के स्थानों पर रहता है, वहीं पर पनपता है और केवल दिन के समय में ही काटता है। यह एक प्रभावित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में तेजी से प्रसार करता है। डेंगू बुखार की रोकथाम एवं निवारण में जागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका है।  डेंगू में रोगी के शरीर पर बुखार के साथ साथ लाल दाने निकल आते हैं। दो से सात दिनों की अवधि के तीव्र ज्वर के साथ सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, बदन दर्द, शरीर पर महीन दाने एवं खराश होने पर रोगी संदेहात्मक श्रेणी में होता है। प्रारंभिक लक्षण तथा परीक्षण जांच के आधार पर डेंगू के संभावित रोगियों की पहचान की जाती है।“
*मच्छर जनित रोगों से बचकर रहें : संजय देवांगन*
निगम के स्वास्थ्य प्रभारी संजय देवांगन ने  बताया: “वर्तमान समय में रुक-रुक कर हो रही बारिश भी डेंगू के लार्वा को पनपने के लिए एक अनुकूल मौसम प्रदान कर रही है। जिले में नगर निगम, मलेरिया विभाग, कर्मचारी, स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर द्वारा मच्छर के अंडे, लार्वा को नष्ट करने के लिए शहर के समस्त 48 वार्डो में लार्वा नष्ट करने को व्यापक रूप से जागरूक किया जा रहा है। क्योंकि रुक-रुककर होने वाली वर्षा में लार्वा को पनपने के लिए स्वच्छ पानी मिल जाता है और वह तेजी से विकसित हो जाते हैं। वर्तमान में मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं नगर निगम के वार्ड स्तर के कर्मचारी डेंगू रेस्पॉन्स टीम के रूप में मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु लोगों को बता रहे हैं। जल्द ही व्यापक अभियान चलाया जाएगा”
*साफ सफाई का रखें ध्यान*
डेंगू नियंत्रण के लिए निगम के सफाई दारोगा अरविंद द्विवेदी ने  कहा: “नियमित रूप से घरों की छत और घर में रखे गमले की ट्रे, कूलर, पानी की टंकी को खाली कर सुखाने के पश्चात उपयोग करें। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर और आसपास पुराने टायर, मटके, कबाड़ आदि में बरसात का पानी एकत्रित ना होने दें इससे मच्छरों के प्रजनन को कम किया जा सकता है। पानी के फैलाव को रोकने के लिए नियमित रूप से साफ-सफाई और दवाई का छिड़काव करते रहें। साथ ही नालियों की साफ-सफाई और घर के आस-पास पानी के टैंकों की नियमित रूप से साफ-सफाई रखें।“

*डेंगू बीमारी के लक्षण*
तेज बुखार, उल्टी आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना है। बुखार को कन्ट्रोल करने के लिए चिकित्सीय परामर्श लें। हर बुखार डेंगू का नही होता है, डेंगू के लक्षण होने पर समय से डॉक्टर की सलाह लें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा का सेवन करें।

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