
हत्या के आरोपित को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बालाराम साहू ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साढ़े 4 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
हत्या के आरोपित को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बालाराम साहू ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साढ़े 4 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन के अनुसार डभरा थाना क्षेत्र के उत्तरा देवी चंद्रा पति दिनेश चंद्रा ने 3 मई 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह ग्राम कटौद में अपने पति के साथ रहती है। उसके दो बेटे यमन और खुशाल चंद्रा है। उनके साथ सास, ससुर भी रहते हैं। उसके पति का जेठ मुकेश पिता भरतलाल के साथ जमीन संबंधी विवाद था। 3 मई को सुबह करीब 8 बजे वह अपने कमरे में अपने छोटा बेटा खुशाल को बिस्तर में सुला रही थी। उसी समय उसका जेठ मुकेश कमरे में आया और दरवाजा को बंद कर दिया। उसे देखकर वह चिल्लायी तो अभियुक्त उसके मुंह को उसके ही स्कार्फ से बांध दिया और वह अपने मोबाइल को फोन करने के लिये पकड़ी तो उसने उसके हाथ को मारा।
जिससे मोबाइल कमरे में दूर जा गिरा। फिर आरोपित ने उसके हाथ को उसके ही पेटीकोट से बांध दिया और कहा कि पैसे व आलमारी की चाबी कहां है। कुछ देर बाद उसका होश आया तो उसने देखा कि दो वर्ष पांच माह के बालक खुशाल के सिर पर तकिया रखा था और उसकी सांसे बंद थी और आलमारी खुली थी। तब वह तुरंत सरपंच पदुमनाथ वर्मा के घर गई तो वहां चूडामणी वर्मा मिला और उसे घटना की जानकारी दी। फिर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने हत्या का अपराध दर्ज कर आरोपित मुकेश को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया। उसके खिलाफ अभियोग पत्र पेश किया गया।
मामले की सुनवाई कर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने मुकेश कुमार चंद्रा को भादवि की धारा 451 के लिए 1 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 386 के लिए 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1 हजार रुपये जुर्माना, 323 के अपराध के लिए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये जुर्माना और धारा 302 के लिए आजीवन कारावास एवं 2 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक दुर्गा प्रसाद साहू ने पैरवी की।