‘कानून व्यवस्था का मामला, कुछ नहीं कर सकते’, किसानों को हटाने की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट की तरफ से केंद्र को नोटिस जारी किया गया है, जिसपर केंद्र जवाब देगा. मामले पर अब कल यानी गुरुवार को सुनवाई होगी. कोर्ट ने इस मामले में किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाने को कहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि रोड जाम का मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा है, जिसमें वह कुछ नहीं कर सकते.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप चाहते हैं कि सारे बॉर्डर खोल दिए जाए. आप बताएं कि बॉर्डर बंद से आप किस तरह से प्रभावित हो रहे हैं. इस पर याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से कहा गया कि दिल्ली के बॉर्डर पर तीन-चार लाख लोग हैं. इस पर सीजेआई ने कहा कि कानून व्यवस्था से जुड़े मामले में हम कुछ नहीं कर सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने किया कमेटी बनाने का इशारा
किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाने का इशारा किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में एक कमेटी का गठन करेंगे. जो इस मसले को सुलझाएगी. इसमें किसान संगठन, केंद्र सरकार और अन्य लोग होंगे. कोर्ट मे यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से हल फिलहाल नहीं निकलता दिख रहा है.
याचिका में शाहीन बाग का जिक्र
याचिकाकर्ता ने शाहीन बाग से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए किसानों को एनसीआर बॉर्डर से हटाने का निर्देश जारी करने की मांग की थी. कोर्ट से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सरकार भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य से बात कर रही है. एसजी ने कहा कि किसान-सरकार की बातचीत चल रही है. कृषि मंत्री, गृह मंत्री, रेल मंत्री समेत अन्य बातचीत बात कर रहे हैं. हर एक क्लॉज़ पर बात हो रही है. इसपर सीजेआई ने कहा कि आपका नेगोशिएशन काम नहीं कर रहा है. संभव है कि आगे बातचीत सफल हो.
सॉलिस्टर जनरल के पेश होने पर कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट में आज सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता के पेश होने से भ्रम कि स्थिति पैदा हुई, इसपर सीजेआई ने नाराजगी भी जताई. मेहता ने कहा कि मुझे वकील हरीश साल्वे ने अपनी जगह पेश होने को कहा था. मुझे नहीं पता क्या मुद्दा है.