
कोयला खदान के लिए फर्जी सहमति पत्र का आरोप, सचिव ने भी दस्तखत से किया इनकार; प्रशासन से जांच और कार्रवाई की मांग
कोयला खदान के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप गरमाया
रायगढ़, 12 जुलाई 2025। तमनार ब्लॉक के गारे-पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। महाजेंको द्वारा प्रस्तुत ग्रामसभा सहमति पत्र को फर्जी बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस दस्तावेज के सहारे कंपनी ने पर्यावरणीय स्वीकृति हासिल की है।
35 सरपंचों ने थाने पहुंचकर दर्ज कराई शिकायत
शुक्रवार को क्षेत्र के 35 सरपंच तमनार थाने पहुंचे और फर्जी ग्रामसभा दस्तावेजों के खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने सराईटोला में कराई गई 8 अक्टूबर 2022 की ग्रामसभा को पूरी तरह फर्जी बताया है।
‘जयशंकर राठिया’ की अध्यक्षता में हुई ग्रामसभा, गांव में नहीं है ऐसा कोई व्यक्ति
दस्तावेजों के अनुसार ग्रामसभा की अध्यक्षता ‘जयशंकर राठिया’ ने की थी, लेकिन ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि गांव में इस नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है। ग्रामसभा की एनओसी में कोई क्रमांक तक नहीं दिया गया है।
सचिव ने भी किया अपने दस्तखत से इनकार
ग्राम पंचायत सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो हस्ताक्षर एनओसी पर दर्शाए गए हैं, वह उनके नहीं हैं। इससे मामला और गंभीर हो गया है। यह माइंस रायगढ़ जिले की सबसे बड़ी खदान बताई जा रही है, जिसकी क्षमता 23.6 मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी।
12 अक्टूबर को जारी हुआ संदिग्ध एनओसी
ग्रामसभा की कार्यवाही 8 अक्टूबर 2022 की बताई गई, जबकि मात्र चार दिन बाद 12 अक्टूबर को एनओसी जारी कर दी गई। इतनी तेजी से जारी दस्तावेजों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।
61 सरपंच देंगे कलेक्टर को आपत्ति पत्र
35 सरपंचों के थाने में शिकायत के बाद अब तमनार क्षेत्र के 61 सरपंच मिलकर कलेक्टर को भी लिखित आपत्ति सौंपेंगे। उनकी मांग है कि—
- जंगल कटाई पर तत्काल रोक लगे,
- फर्जी दस्तावेजों की उच्चस्तरीय जांच हो,
- दोषी अधिकारियों और खनन कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई हो,
- प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के ठोस उपाय किए जाएं।