तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी
सादा जीवन से बनाई अपनी पहचान
नहीं लेतीं CM की सैलरी और पेंशन नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सियासत में सबसे बड़ी खिलाड़ी के रूप में उभरी ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. कोरोना के चलते उनका शपथ ग्रहण बेहद सामान्य रहा और अब बाकी मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी. सादा लिबास में लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता स्थापित करने वाली ममता का जीवन भी उतना ही सादगी भरा है.
विधायक से लेकर सांसद, कैबिनेट मंत्री और फिर तीन बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद भी ममता एक आम इंसान की तरह अपना जीवन बिताती हैं. सूती साड़ी और पैरों में हवाई चप्पल अब उनकी पहचान बन चुकी है और यही वजह है कि बंगाल की जनता ने लगातार तीसरी बार उन पर भरोसा जताया. बीजेपी की भारी-भरकम सियासी मशीनरी के बावजूद सूबे की सत्ता में बड़ी जीत के बाद उन्होंने वापसी की है.
न सैलरी ली, न ही पेंशन
एक आम बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मीं ममता ने न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि बीते 7 साल से उन्होंने पूर्व सांसद के तौर पर पेंशन तक नहीं ली है. वह पूर्व सांसद और मंत्री रहने के चलते पेंशन की हकदार हैं. इसके अलावा ममता सूबे के मुख्यमंत्री को मिलने वाली सैलरी भी नहीं लेती हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा करके वह सरकार के लाखों रुपये बचा रही हैं और यही उनका तरीका है.
ममता ने इस बातचीत में बताया कि पूर्व सांसद होने के नाते उन्हें संसद से जो पेंशन मिलती है वह बीते 7 साल से नहीं ली गई है. यही नहीं ममता सूबे के मुख्यमंत्री होने के नाते मिलने वाली सैलरी तक नहीं लेती हैं और सरकारी कार तक का इस्तेमाल नहीं करती हैं. वह बताती हैं कि उन्होंने हमेशा प्लेन की इकोनॉमी क्लास में ही सफर किया है. यहां तक कि कभी सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरना भी हो तो वह खुद उसका खर्च उठाती हैं.
कैसे चलता है खर्च
सैलरी और पेंशन न लेने के बावजूद उनका खर्च कैसे चलता है. इस सवाल के जवाब में ममता कहती हैं कि उनकी किताबों की रॉयल्टी से इसका पैसा आता है. ममता की 80 से ज्यादा किताबें छप चुकी हैं जिनमें से कुछ बेस्ट सेलर भी हैं. इसके अलावा ममता गानों के बोल लिखकर भी अपनी आमदनी करती हैं. वह बताती हैं कि चाय तक अपने पैसे से पीती हूं.पेटिंग करते ममता बनर्जी की कई तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं. उन्हें पेटिंग का शौक भी है और इस काम में वह कुशल भी हैं. हालांकि इस इंटरव्यू में वह बताती हैं कि वह पेटिंग्स को कभी कमाई का जरिया नहीं बनातीं और इनसे होने वाली इनकम को दान कर देती हैं.
साल में कितनी कमाई?
इंटरव्यू के दौरान ममता ने बताया कि गाने लिखने के लिए म्यूजिक कंपनी उन्हें सालाना करीब तीन लाख रुपये देती है. इसके अलावा किताबों की रॉयल्टी से भी साल में 10 लाख के करीब आमदनी हो जाती है. उनके पास आय के सीमित साधन हैं और वह कहती हैं कि अकेले होने की वजह से इतना पैसा उनके लिए काफी है.
Read Next
2 days ago
हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का हार्ट अटैक से रायपुर में निधन
6 days ago
3 जुलाई से शुरू होगी श्री अमरनाथ की यात्रा…. पढिए पूरी खबर क्या है रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस
2 weeks ago
अहमदाबाद विमान दुर्घटना में गुजरात के पूर्व सीएम समेत 242 यात्रियों की मौत, लंदन जा रहा था एयर इंडिया का प्लेन… छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक…
3 weeks ago
भागवत परम धर्म है. इन्दुभवानन्द: तीर्थ: स्वामिन:
3 weeks ago
मृत्यु रूपी बाण से मुक्त करती है भगवान की कथा= डा.इन्दुभवानन्द
12th May 2025
लोन वाले लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ी राहत… जाने क्या है फैसला
4th May 2025
भारतीय डाक विभाग की एक स्कीम जिसमें सिर्फ ₹5,55,555 निवेश करने पर हर महीने ₹22,222 तक…?
3rd May 2025
ससुर की प्रोपर्टी में दामाद का कितना अधिकार, हाईकोर्ट ने अपने फैसले में किया साफ
23rd April 2025
पर्यटकों के पर आतंकी हमला…. आतंकियों की तलाश जारी… मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि
20th March 2025
एआईओसीडी ने स्वास्थ मंत्रालय से 12.40 लाख केमिस्ट और ड्रगिस्ट के संगठन को DTAB समिति में शामिल करने की माँग
Back to top button