
CBI छापेमारी में उजागर हुआ मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाला: छत्तीसगढ़ समेत 6 राज्यों में बड़ी कार्रवाई, 3 डॉक्टर सहित 6 गिरफ्तार
मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के नाम पर करोड़ों की रिश्वतखोरी का खुलासा, CBI ने 40 से अधिक ठिकानों पर मारा छापा
मेडिकल कॉलेज की मान्यता के नाम पर करोड़ों का खेल
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh), कर्नाटक (Karnataka), राजस्थान (Rajasthan), उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) और दिल्ली (Delhi) समेत 6 राज्यों में मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वतखोरी का बड़ा खेल उजागर हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक साथ 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर इस गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया।
कॉलेज प्रबंधन और निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों की साठगांठ
CBI को इनपुट मिला था कि कुछ मेडिकल कॉलेज प्रबंधन निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों और बिचौलियों के साथ मिलकर मान्यता प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। इसी कड़ी में श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, नवा रायपुर के पदाधिकारियों और निरीक्षण टीम में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
रंगे हाथों पकड़े गए 3 डॉक्टर और 3 बिचौलिए
CBI ने जाल बिछाकर डॉ. अशोक डी. शेल्के (Dr. Ashok D. Shelke), डॉ. मंजप्पा (Dr. Manjappa) और चित्रा मदनहल्ली (Chitra Madanahalli) सहित 6 लोगों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि ये डॉक्टर मेडिकल कॉलेजों के पक्ष में अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के बदले मोटी रिश्वत मांग रहे थे।
दस्तावेज़ों और ऑडियो-वीडियो सबूतों के साथ हुई गिरफ्तारी
CBI ने इस पूरे लेन-देन को ऑडियो, वीडियो और दस्तावेजी सबूतों के साथ रिकॉर्ड किया और आरोपियों को गिरफ्त में लिया। सभी आरोपियों को 2 जुलाई को CBI की विशेष अदालत (Special CBI Court) में पेश किया जाएगा। पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं।
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, वैधानिक प्रक्रिया से समझौता
सूत्रों का कहना है कि आरोपी कॉलेज वैधानिक निरीक्षण प्रक्रिया (Statutory Inspection) को गलत तरीके से प्रभावित कर रहे थे। इसका सीधा असर उन छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता था जो इन कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं, क्योंकि बाद में मान्यता रद्द होने की स्थिति में उनकी डिग्री अमान्य हो सकती थी।
बिचौलियों की बड़ी भूमिका
जांच में यह भी सामने आया है कि इस घोटाले में बिचौलिए अहम भूमिका निभा रहे थे। वे कॉलेज प्रबंधन और निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के बीच सेतु का काम कर रहे थे और लेन-देन को अंजाम दिलवा रहे थे।
CBI की इस कार्रवाई से मेडिकल शिक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक बड़ा चेहरा सामने आया है। अब इस मामले में और भी मेडिकल कॉलेजों और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई उन छात्रों के लिए राहत की खबर हो सकती है जो ईमानदारी से पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन सिस्टम की खामियों के शिकार हो सकते थे।