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लवन-सरखोर रोड में भारी वाहनों के चलने से नवनिर्मित सड़क हो रही खराब

भारी वाहनों के कारण लवन-सरखोर मार्ग में नजर आ रहे गड्ढे

फागुलाल रात्रे, लवन@बलौदाबाजार । लवन से सरखोर मार्ग की दूरी 6.15 किमी है। इस रोड को एक साल पहले ही भाटापारा, ठेकेदार प्रमोद कंस्ट्रक्शन के द्वारा बनाई गई थी। उक्त रोड के लिए 125.05 लाख स्वीकृति मिली थी। बीते दो तीन माह से इस सड़क पर लगातार भारी वाहन चल रही है। इस सड़क की क्षमता कम है, जिस पर भारी वजनी वाहन के चलने से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गए है। रोड का डामर उखड़कर गड्ढो में तब्दील हो रहा है जो कि दुर्घटना को दावत देने के कगार पर पहुंच गए है। समय रहते इनकी मरम्मत नहीं कराई गई तो समस्या और अधिक विकराल हो सकती है। वाहन चालक गड्ढों की वजह से नियंत्रण खोकर दुर्घटना का शिकार हो रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त रोड से हाईवा वाहन में बेलगाम मुरूम गाड़िया चल रही है। इसलिए लवन, सरखोर मार्ग का दबाव बहुत अधिक हो गया है। जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों पर उसकी क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

इसके बाद भी इस मार्ग पर धडल्ले के साथ मुरूम गाड़ीया चल रही है। यही कारण है कि मार्ग निर्माण के बाद बहुत ही कम समय में मरम्मत की कगार पर पहुंच गया है। आम लोगों को आवाजाही के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग सरखोर, पंडरिया, जोंधरा होते हुए बिलासपुर जिले को जोड़ती है इस वजह से इस मार्ग पर दोपहिया वाहनों का आना-जाना दिन भर होता रहता है। दोपहिया वाहन चालक रात में गड्ढों को भांप नहीं पाने की वजह से गिरकर चोंटिल भी हो रहे है। ठेकेदार व विभाग द्वारा 12 टन से अधिक वजनी वाहनों प्रवेश निषेध का बोर्ड तो लगाया गया है, लेकिन वाहन चालक प्रवेश निषेध बोर्ड को दरकिनार कर धड़ल्ले से वाहनों को उक्त रोड पर बेखौफ दौड़ा रहे है। इससे नवनिर्मित लवन, सरखोर मार्ग की हालत समय से पहले दम तोड़ रही है। मार्ग में जगह-जगह पर गड्ढे बन चूके है। इस रोड का संधारण कार्य करीब डेढ़ से दो दशक बीत जाने के बाद हुआ है। उस पर भी भारी वाहनों का दबाव बढ़ने से रोड जर्जर स्थिति में निर्मित हो रही है। राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस संबंध में इंजिनियर प्रमोद कुमार निर्मलकर ने चर्चा के दौरान बताया कि ठेकेदार द्वारा 5 साल तक मेन्टेन्स का कार्य कराया जायेगा। आगे यह भी बताया कि जहा-जहा पानी रूक रहा है, वहीं आसपास की रोड ही ज्यादा खराब हो रहे है।

प्रमोद कुमार निर्मलकर , इंजिनियर
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

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