तीन महीने से वेतन नहीं, फिर भी पीएम आवास योजना में तैनात मनरेगा कर्मचारी – आखिर कौन है जिम्मेदार?

रायगढ़ | छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कर्मचारियों को पिछले तीन से चार महीनों से वेतन नहीं मिला है, बावजूद इसके उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में कार्यरत रखा गया है। वेतन न मिलने के कारण कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन से केवल आश्वासन ही मिल रहा है।

बिना वेतन काम करने को मजबूर कर्मचारी

मनरेगा कर्मचारी ग्रामीण स्तर पर सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वित करने की रीढ़ हैं। ग्राम पंचायतों में पीएम आवास योजना की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने, लाभार्थियों की सूची अपडेट करने और प्रशासनिक कार्यों में इन्हें तैनात किया गया है। लेकिन वेतन न मिलने से उनके सामने घर चलाने तक की समस्या खड़ी हो गई है। कई कर्मचारियों को कर्ज लेना पड़ रहा है, बच्चों की शिक्षा तक प्रभावित हो रही है।

“तीन महीने से वेतन नहीं, घर चलाना मुश्किल” – कर्मचारियों की पीड़ा

रायगढ़ जिले के विभिन्न जनपदों और पंचायतों में कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा,
“तीन महीने से वेतन नहीं मिला, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चों की स्कूल फीस नहीं भर पा रहे, राशन लाना भी कठिन हो रहा है। EMI और अन्य खर्चों के चलते कर्ज लेना पड़ रहा है। प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला।”

प्रशासन की लापरवाही या फंडिंग में देरी?

कर्मचारियों का आरोप है कि वेतन लंबित होने के बावजूद उनसे लगातार काम लिया जा रहा है। जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग को कई ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। अधिकारी देरी का कारण फंडिंग प्रक्रिया में अड़चन बता रहे हैं, जबकि कर्मचारी इसे प्रशासनिक लापरवाही करार दे रहे हैं।

सरकार का दावा – जल्द मिलेगा वेतन, लेकिन कब?

संबंधित अधिकारियों का कहना है कि फंड जारी करने की प्रक्रिया चल रही है और मार्च के अंतिम सप्ताह तक भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि ऐसा वादा पहले भी कई बार किया जा चुका है, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं बदला।

मनरेगा कर्मचारियों की चेतावनी – करेंगे कार्य बहिष्कार

अगर जल्द ही वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है, जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं पर सीधा असर पड़ेगा।

हिंद मजदूर किसान पंचायत ने जताई चिंता

हिंद मजदूर किसान पंचायत, रायगढ़ के जिला महासचिव उमेश कुमार श्रीवास ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए नरेगा कमिश्नर रजत बंसल से कर्मचारियों के लंबित वेतन का तत्काल भुगतान करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर समस्या के त्वरित समाधान की अपील की।

डबल इंजन सरकार में भी वेतन के लिए तरसते कर्मचारी – बड़ा सवाल!

छत्तीसगढ़ में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद तीन महीने से मनरेगा कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलना सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस संकट का समाधान करती है या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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