Raigarh News : लैलूंगा :- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के आदिवासी वनाँचल पर बसे विकास खण्ड लैलूंगा के विभिन्न विभागों में पदस्थ शासकीय कर्मचारियों तथा अधिकारियों कि आखिरकार किसी अन्यत्र स्थानों पर क्यों नही होती स्थानान्तरण ? जबकि समय – समय पर केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों तथा केन्द्रीय निर्वाचन आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशानुसार एक ही जगह पर वर्षों से जमें सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारियों कि छटनी कर स्थानानन्तरण करने कि प्रक्रिया में निहित है । किन्तु विकास खण्ड लैलूंगा एक ऐसा ब्लॉक है जहाँ कोई भी अधिकारी व कर्मचारी का कहीं से तबदला होकर आते हैं । वे लैलूंगा विकास खण्ड में आने के बाद और दूबारा कहीं पर स्थानान्तरण होकर जाना नही चाहते हैं । इसलिए ही तो अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए लैलूंगा को भ्रष्टाचार का “हब” कहा जाता है । चाहे अधिकारी हो या कर्मचारी लैलूंगा में आने के बाद उनके लिए लैलूंगा से मोह कभी कम नही होता है । सबसे मजेदार बात तो यह है कि जितने भी अधिकारी और कर्मचारी लैलूंगा आये हैं उनमें से अधिकांश लोग लैलूंगा में ही बस गये हैं । चाहे वह किसी विभाग का भृत्य, चपरासी या बाबू क्यों न हों ! सबके सब एक ही जगह पर वर्षों से पदस्थ हैं और कुण्डली मार कर घी पी रहे हैं । कई ऐसे बाबू लैलूंगा में जिनका पूरा जीवन यहाँ पर व्यतीत हो गया लेकिन किसी भी शासन या प्रशासन तथा निर्वाचन आयोग के द्वारा अब तक संज्ञान नही लिया गया ।
Raigarh News : जिसके कारण एक जगह पर अजगर कि तरह कुण्डली मारकर कम्बल ओढ़कर घी पी रहे शासन – प्रशासन या के सरकार के नुमाइंदों के द्वारा ध्यान नही दिया जाना कहीं न कहीं कई संदिग्ध सवालों को जन्म देता है । जिसे मुख्य निर्वाचन आयोग को समय रहते लोक सभा चुनाव के पूर्व संज्ञान लेते हुए जनहित मे कार्यवाही करने कि आवश्यकता है । जिससे क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके और प्रशासनिक कसावट बनी रहे । अब यह देखना होगा कि रायगढ़ जिला प्रशासन या निर्वाचन आयोग अंगद कि पाँव कि तरह एक ही जगह पर सरकारी नौकरी कर लोगों के ऊपर क्या कार्यवाही कि जायेगी यह तो आने वालो दिनों में ही पता सकेगा ।