Raigarh News : भयानक प्रदूषण के बीच 6 जनसुनवाई से आने वाला है भूचाल,
जनता परेशान हताश जहरीली हवा से बीमारियों का हो रहा शिकार, आखिर कब जागेगा प्रशासन
Raigarh News : रायगढ़। लगातार बढ़ते प्रदूषण से त्रस्त आम जनता के दबाव में बीते अप्रैल 2023 में पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा 21 लाख का भुगतान रायगढ़ के तमनार ब्लॉक और घरघोडा ब्लॉक में औद्योगिक प्रदूषण केयरिंग कैपिसिटी को लेकर अध्ययन करवाया गया था। अध्ययन तो करवाया गया किंतु पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों द्वारा अपने हिसाब से गुनाह रूपी रिपोर्ट बनवाया कर जनता को धोखा दिया गया है।
घरघोड़ा और तमनार ब्लॉक में नए उद्योगों एवं विस्तारीकरण अधिक प्रदूषण की वजह से किया जा सकता है या नहीं, जिले के पूंजीपथरा क्षेत्र देश का सबसे प्रदूषित जगहों में शामिल है। इसके बाद भी फरवरी माह में 6 जनसुनवाई की नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसकी वजह से सड़कों पर हजारों भारी वाहनों की दबाव बढ़ना लाजमी है। जबकि रिपोर्ट में सड़क मार्ग से परिवहन पर प्रतिबंध लगाकर रेल मार्ग द्वारा किया जाने का उल्लेख है।
पर्यावरण प्रेमी ने कहा कि यदि ऐसा ही रहा तो पूरे भारत में प्रदूषण फैलाने में रायगढ़ प्रथम स्थान पर आ जाएगा। वर्तमान में 1 करोड़ 53 लाख टन फ्लाई ऐश निकलता है जो आने वाले दिनों में यह 2.50 लाख टन हो जायेगा। तमनार एवं घरघोड़ा ब्लॉक की खेतिहारी भूमि बंजर हो जायेगी भूजल स्तर निम्नतम स्तर पर चला जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्षेत्र में पानी के नाम पर तबाही मचेगी।
अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि तमनार क्षेत्र के लिए वेंटिलेशन गुणांक 481.75 वर्ग मीटर/सेकंड प्राप्त हुआ।
घरघोड़ा क्षेत्र के लिए वेंटिलेशन गुणांक 481.75 वर्ग मीटर/सेकंड प्राप्त हुआ। ऐसा उल्लेख है किंतु यह एक संयोग नहीं लगता है की दोनो स्थानों पर वेंटिलेशन गुणांक एक जैसा हो। पर्यावरण संरक्षण मंडल कराए गए अध्ययन में हवा में आरएसपीएम, एसओ2, एनओ और ठोस अपशिष्ट के लिए सीसी की गणना का उल्लेख है किंतु रिपोर्ट को सीधे सीधे न बता कर घुमा घुमा कर बताया जाना प्रतीत हो रहा है। तमनार में ठोस अपशिष्ट उत्पादन से 10 गुना से अधिक था। ऐसे में समझा जा सकता है की क्षेत्र में प्रदूषण की क्या स्थिति होगी।
Raigarh News : पर्यावरण प्रेमियों ने मुख्य मंत्री, पर्यावरण मंत्री और जिले के कलेक्टर से मांग की है कि सारी जनसुनवाईयां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आम जनता के प्राणों की रक्षा करें ताकि बढ़ते प्रदूषण पर कहीं हद तक रोक लगाया जा सके और प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल उद्योगों पर दबाव बनाया जाए और सरकारी योजना को प्रभाव से लागू की जाए