सचिव जयपाल सिदार हत्याकांड: सुनियोजित साजिश का पुलिस ने किया पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार, मास्टरमाइंड पहले से जेल में

पैसे के लालच में रची गई हत्या की साजिश, चलती कार में गला घोंटकर की गई हत्या, शव को घाटी में फेंककर सबूत जलाए

रायगढ़, 31 जुलाई 2025

गुमशुदगी से हत्या तक: 24 दिन की जांच के बाद सामने आई खौफनाक साजिश

ग्राम पंचायत पाकरगांव के पंचायत सचिव जयपाल सिदार (43 वर्ष) की गुमशुदगी की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। उन्हें पैसे वसूली के बहाने बुलाकर 7 जुलाई को चलती कार में गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया गया था। मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता शिव साहू पहले से ही हत्या के एक अन्य मामले में जेल में बंद है।


चलती कार में मर्डर, फिर शव को घाटी में फेंका

हत्या की योजना जून माह में बनाई गई थी। शुभम गुप्ता, कमलेश यादव और मदन गोपाल सिदार ने मिलकर जयपाल को 7 जुलाई को कोतबा चलने का बहाना बनाकर उनकी खुद की स्विफ्ट डिजायर (CG12 BA 6453) कार में बिठाया। जशपुर रोड की ओर जाते समय चलती कार में गमछे से गला घोंटकर हत्या की गई।

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को कार में रखकर कई स्थानों पर घुमाया और फिर सिसरिंगा घाटी (धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र) में फेंक दिया। मोबाइल मैनपाट के जंगल में और कार को बिना नंबर के पूंजीपथरा के पास छोड़कर फरार हो गए। साक्ष्य मिटाने के लिए गमछा जला दिया गया।


शिव साहू ने ₹1 लाख में दी थी हत्या की सुपारी

जांच के दौरान शुभम गुप्ता ने कबूल किया कि शिव साहू, जो रायगढ़ के फुटहामुड़ा निवासी है और हत्या के मामले में जेल में बंद है, ने पेरोल के दौरान जयपाल की हत्या के लिए ₹1 लाख का सौदा तय किया था। शुभम को ₹10,000 एडवांस भी दिए गए थे।


शव बरामद, पहचान के बाद हत्या का प्रकरण दर्ज

शव की शिनाख्त और पोस्टमार्टम के बाद हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया। मामला थाना धरमजयगढ़ में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 238, 61(2), 3(5) BNS के तहत पंजीबद्ध किया गया। असल विवेचना थाना लैलूंगा से की जा रही है।


गिरफ्तार आरोपी:

  1. मदन गोपाल सिदार (19) – निवासी पाकरगांव, लैलूंगा
  2. शुभम गुप्ता (20) – निवासी पाकरगांव, लैलूंगा
  3. कमलेश यादव (19) – निवासी मथपहाड़, बागबहार, जशपुर
  4. शिव साहू – मास्टरमाइंड, वर्तमान में रायगढ़ जेल में बंद

पुलिस टीम ने निभाई अहम भूमिका

पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी सिद्धांत तिवारी के पर्यवेक्षण में यह खुलासा हुआ। टीम में लैलूंगा थाना प्रभारी रोहित बंजारे, धरमजयगढ़ टीआई सीताराम ध्रुव, साइबर सेल, और अनुभवी आरक्षक दल की अहम भूमिका रही।


जांच अब भी जारी, अन्य सुरागों पर काम कर रही पुलिस

हत्या के पीछे के गहरे कारण और इसमें और कौन शामिल हो सकते हैं, इस दिशा में पुलिस गहराई से विवेचना कर रही है। जांच में तकनीकी मदद और गवाहों के बयान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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