![](https://aapkiaawaz.net/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240627-WA0729-780x470.jpg)
![](https://aapkiaawaz.net/wp-content/uploads/2024/06/img-20240627-wa07273858003111226313654-1024x586.jpg)
धरमजयगढ – पानी के बिना जीवन की कल्पना करना ही व्यर्थ है। स्वच्छ पानी मिले इसके लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार प्रतिवर्ष करोड़ों खर्च करती है ताकि जनता को पीने की पानी मुहैया कराई जाए पानी ही नहीं अप्रयुक्त सरकार की महत्वाकांक्षी सभी योजनाओं का लाभ एक एक ग्रामीण तक पहुंच सके इसके लिए सरकार जनप्रतिनिधि या मंत्री सभी समय-समय पर समीक्षा करते रहते हैं अधिकारी कर्मचारियों को भी निर्देशित किया जाता रहा है इसके बावजूद भी अगर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का सुचारु व्यवस्था न हो तो इसके क्या कहना जी हा हम बात कर रहे है धरमजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत आने वाला एक ऐसा ग्राम जहाँ के लोग आज भी पेयजल के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं,विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो समुदाय के यहाँ करीब 25 से 35 परिवार निवासरत है,
जो पेयजल को लेकर परेशान है गांव में जरूर हैंड पम्प है, लेकिन कहना है पानी नाम मात्र के लिए आता है। बोरिंग सूखा पड़ा हुआ है वहीं क्रेड़ा विभाग से पेयजल के लिए सोलर टैंक का निर्माण किया गया है लेकिन वह भी मौजूदा समय मे केवल सफेद हाथी साबित हो रहा है पानी का कोई अता पता नही है मजबूरन यहां के लोग विकल्प बतौर ढोढ़ी कुंए से प्यास बुझा रहे हैं।
ग्रामवासियों के मुताबिक शासन प्रशासन इनकी ओर ध्यान नही दे रही हैं तभी तो आज के इस अत्याधुनिक युग मे यहाँ के लोग पाषाण युग जैसे जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे में पूर्व हो या फिर मौजूदा सरकार सवाल उठना लाजमी हो जाता है। केंकरानारा ग्राम की ज़मीनी हालात सरकार की तमाम दमदार दावे की हवा निकाल रही है।केंकरानारा ग्रामवासियों का कहना है, जब से हेडपंप को बोर में परिवर्तन कर टंकी से पानी दिया जा रहा है,तब से लेकर आज पानी का समस्या खड़ी हो गई है। और आगे पता नहीं कब तक जायेगी।कुल मिलाकर यूं कहें,
तो जल जीवन मिशन यहाँ सब कुछ नमूना मात्र है, ऐसी बात नही की इस भीषण समस्या से क्षेत्र के लोग जनप्रतिनिधि सरपंच,सचिव व स्थानीय प्रशासन को अवगत नही कराए है, उनके मुताबिक कइयों बार शिकायत दोहराया गया है। ग्रामीणों ने बताया उन्होंने इस संबंध में सचिव रामकुमार राठिया से कहा – ” पानी बर भारी तकलीफ होवथे सचिव सहाब,पीए बर पानी नई मिलत हे! सचिव ने कहा – अभी देखेंगे, सुधार करेंगे। बड़ी विडंबना ग्रामीणों के इस विकट समस्या की ओर ध्यान क्यों नही दिया जा रहा।लोग अभी भी पेयजल के लिए इधर से उधर भटकते नजर आ रहे हैं।
इस संबंध में हमने पंचायत सचिव से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि – मेरा केंकरानारा अंतर्गत सोहनपुर पंचायत में नवपदस्थ हूं,मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है,अब जब जानकारी मिल रही है, तो समस्या का निवारण करने का प्रयास किया जायेगा।आगे देखने वाली बात होगी कि क्या स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान देती है, या फिर पंडो समुदाय की यह दशा जस की तस रहने वाली है।