देश विदेश की

Taliban ने पार की बर्बरता की सभी हदें, निकाल ली लेडी अफसर की आंखें; सुनाई आपबीती

काबुल: तालिबान (Taliban) खुद को बदला हुआ तालिबान कहता है और महिलाओं को शरिया के दायरे में आजादी देने की बातें कहता है. तालिबान ने दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि अफगानिस्तान की नई सरकार में सभी की भागीदारी होगी और तालिबान लड़ाकों को औरतों से बात करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. लेकिन ये महिलाओं के प्रति तालिबान की वो बातें हैं जो वो दुनिया को दिखाने के लिए कर रहा है, जबकि सच्चाई क्या है, भारत आई अफगानिस्तान की लेडी अफसर (Afghanistan Police Lady Officer) ने इसका खुलासा किया है. तालिबान ने महिला अफसर की आंखें तक निकाल लीं. इस महिला के साथ तालिबान ने बर्बरता सभी हदे पार कर दीं.

लेडी अफसर पर कहर बनकर टूटा तालिबान का जुल्म

तालिबान (Taliban) की क्रूरता की कई कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन एक लेडी पुलिस अफसर खातिरा हाशमी (Khatera Hashemi) पर तालिबान का जुल्म कहर बनकर टूटा. ऐसा कहर जिससे उस महिला की पूरी जिंदगी अंधेरे में डूब गई और वह अब कभी भी उजाले को नहीं देख पाएगी. खातिरा हाशमी अफगानिस्तान के गजनी प्रांत के पुलिस विभाग में महिला अफसर थीं.  पुलिस में भर्ती होना खातिरा के लिए किसी सपने के सचे होने से कम नहीं था, क्योंकि पुलिस में भर्ती होने का इरादा वो बहुत पहले ही ठान चुकी थीं. खातिरा जानती थीं की महिलाओं का काम करना तालिबान को नागवार गुजरेगा फिर भी पुलिस में जाने के अपने फैसले से वो पीछे नहीं हटीं.

एक जिंदा लाश बनकर रह गई हैं खातिरा

तालिबान नाम का जिन खातिरा के कंधे पर मुसीबत की तरह लदा हुआ था और वो जातनी थीं कि तालिबानियों को इस बात का पता चल ही जाएगा कि वो घर से बाहर काम पर जाती हैं. आखिरकार एक दिन तालिबानियों को फोन आया. भले ही उस समय वह तालिबानियों से सच छिपाने में कामयाब रहीं, लेकिन ये कोशिश ज्यादा दिन टिक नहीं सकी और एक दिन तालिबानी खातिरा के घर तक पहुंच गए. तालिबान की हैवानियत खातिरा के सपनों को पूरी से रौंद दिया और आज खातिरा सिर्फ एक जिंदा लाश बनकर रह गई हैं.

खातिरा ने सुनाई तालिबान की क्रूरता की कहानी

लेडी पुलिस अफसर खातिरा हाशमी (Khatera Hashemi) पर 7 जून 2020 को संदिग्ध तालिबान लड़ाकों के एक समूह ने हमला किया. उन्होंने तालिबान की क्रूरता की कहानी बताते हुए कहा, ‘उनमें से दो के पास बंदूकें थीं. जब उन्होंने मुझे गोली मारी तो गोली मेरी पीठ और हाथ में लग गई, लेकिन मैं अभी भी खड़ा हो पा रही थी. लेकिन जब एक गोली मेरे सिर पर लगी, तो मुझे पता नहीं चला कि क्या हो रहा है और मैं जमीन पर गिर गई.’

तालिबानियों ने निकाल ली खातिरा की आंखें

तालिबान लड़ाकों की क्रूरता यहीं खत्म नहीं हुई और हमलावरों ने खातिरा हाशमी (Khatera Hashemi) की आंखों पर चाकू से वार किया. खातिरा ने बताया, ‘तालिबानियों को डर था कि कहीं मैं उन्हें पहचान ना लूं और उन्होंने मेरी आंखें निकाल (Taliban took out Eyes of Female Officer) ली.

कोने-कोने तक फैली है जुल्मों की कहानी

दुनिया भर में अपने आपको बदला हुआ बताने वाले तालिबान (Taliban) का यही असली चेहरा है. इस क्रूरता की कहानी का खातिरा हाशमी (Khatera Hashemi) एक छोटा सा हिस्सा हैं. तालिबान के ज़ुल्मों की कहानी तो अफगानिस्तान के कोने-कोने तक फैली हुई है. यहां हर रोज किसी खातिरा का सपना तालिबान के ज़ुल्म के आगे दम तोड़ देता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button