छत्तीसगढ़न्यूज़

सबसे पवित्र कार्य हैं शिक्षा देना – कलेक्टर

संस्कार पब्लिक स्कूल एवं विप्र फाउंडेशन का आयोजन
300 सौ शिक्षकों का हुआ सम्मान

रायगढ़। गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर संस्कार पब्लिक स्कूल एवं विप्र फाउंडेशन के संयुक्त आयोजन में विभिन्न विधाओं के सैंकड़ों गुरूजनों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। संस्था की प्राचार्या श्रीमती रश्मि शर्मा एवं विप्र फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष विजय शर्मा मार्बल, कार्यक्रम के सदस्य आशीष रंगारी ने बताया कि जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल, सेवानिवृत्त प्रो. महेन्दर सिंह खनूजा, सेवानिवृत्त प्राचार्या श्रीमती जया षड़ंगी, डिग्री कॉलेज विज्ञान विभाग प्रमुख आर.के.तंबोली, शिक्षा विभाग के आलोक स्वर्णकार, भूनेश्वर पटेल, विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रामचन्द्र शर्मा, सीपी देवांगन, अबरार हुसैन, विप्र फाउंडेशन के विजय शर्मा, राजेश शर्मा आदि के आतिथ्य में शिक्षक सम्मान समारोह स्थानीय पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में माँ सरस्वती की मूर्ति पर दीप प्रज्जवलन किया गया। अतिथियों के सम्मान पश्चात करीब 300 सौं शिक्षकों को मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शानदार संचालन श्रीमती भावना शर्मा एवं आशीष रंगारी ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन चतुर्भूज पटेल ने किया।

पालक सीखायें शिक्षकों का सम्मान : कार्तिकेय गोयल
मुख्य अतिथि कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षक बहुत ही पवित्र कार्य हैं। आज यदि वो कलेक्टर के रूप में यहां मौजूद हैं तो उसके पीछे उनके शिक्षकों का हाथ हैं। आज के समय में पालकों को चाहिए कि वे शिक्षकों का सम्मान करें और अपने बच्चों का भविष्य विश्वास के साथ शिक्षकों के हाथ सौंप दें। बच्चों को शिक्षकों का आदर करना जरूर सीखायें। इस पवित्र कार्यक्रम के लिए संस्कार पब्लिक स्कूल एवं विप्र फाउंडेशन संस्था को बधाई दी। कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती जया षडंगी ने कहा कि गुरूओं का सम्मान हमेशा करना चाहिए तभी बच्चें संस्कार सीखेंगे। विशिष्ट अतिथि महेन्दर सिंह खनूजा ने कहा कि शिक्षक ही बच्चों का जीवन बनाते हैं। इसके लिए उन्होंने कई कहानियां बताकर उत्साहवर्धन किया। विशिष्ट अतिथि आर.के.तंबोली ने गुरू शिष्य की परंपरा को कायम रखने की बात पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथि आलोक स्वर्णकार एवं भूनेश्वर पटेल ने शिक्षक को शिक्षक की गरिमा के लिए खुद को संयमित रखने एवं नियमों का पालन करने की सलाह दी।

शिक्षक हैं तो हम हैं – रामचन्द्र
आयोजन समिति के संयोजक रामचन्द्र शर्मा ने प्रतिवेदन पेश करते हुए सभी से आग्रह किया कि वर्तमान में शिक्षकों का उत्साहवर्धन करना एवं उनपर विश्वास करना अति आवश्यक है। क्योंकि शिक्षक है तो ही हम और हमारा भविष्य, बच्चों का भविष्य सुरक्षित हैं। इसलिए बच्चों की बात बहुत ज्यादा सुनने की बजाय शिक्षकों पर भरोसा रखें। शिक्षकों को भी कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे शिक्षक पद की गरिमा नष्ट हो। प्रतिवेदन में रामचन्द्र शर्मा ने संस्कार पब्लिक स्कूल एवं विप्र फाउंडेशन संस्था के बारे में भी जानकारी दी।

नृत्य व संगीत से बंधा समां
शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में संस्कार पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने अपने नृत्य एवं संगीत से उपस्थित शिक्षकों को आनंदित कर दिया। संगीत में स्वागत गान प्रस्तुत किया। वहीं नृत्य में गुरू के आदर स्वरूप नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को गरिमामय बना दिया। इस प्रस्तुतिकरण में संस्कार पब्लिक स्कूल के शिक्षकों का योगदान रहा।

अंजय का हुआ विशेष सम्मान
इस समारोह में एक ऐसे शिक्षक भी सम्मान के लिए आमंत्रित किए गए थे जो शारीरिक रूप से पूर्ण सक्षम नहीं थे उसके बावजूद शैक्षणिक कार्य में अग्रणी हैं। वे थे माध्यमिक स्कूल धनागर के अंजय कुमार सूर्यवंशी। वे सभी विषय के सामान्य ज्ञान आदि बच्चों को पढ़ाते हैं। इन सबसे बढक़र वे अपने घर पर प्रतियोगी परिक्षाओं की नि:शुल्क क्लास चलाते हैं। उनके पढ़ाये हुए विद्यार्थी अनेक पदों पर कार्यरत हैं। अतिथियों ने नीचे उतरकर उनका सम्मान किया।

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