
रायपुर । दीपावली के त्योहार पर जहां कपड़े, पटाखे और मिठाइयों की बिक्री चरम पर है, वहीं मिठाई कारोबार में जीएसटी चोरी का खेल भी बड़े पैमाने पर चल रहा है। शहर की कई बड़ी मिठाई दुकानों में इन दिनों बिल की जगह ऑर्डर लिखने का खेल खुलेआम जारी है।
जानकारी के अनुसार, कुछ बड़ी दुकानों में रोजाना 50 लाख रुपए तक की बिक्री हो रही है, लेकिन जीएसटी बिल नाममात्र का काटा जा रहा है। ग्राहकों को ज्यादातर कच्चे बिल दिए जा रहे हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में बिक्री बेहद कम दिखाई जाती है।
सरकार ने मिठाइयों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया था, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिले, लेकिन इसका लाभ जनता तक नहीं पहुंचा। इसके उलट दुकानदारों ने दूध और खोवा महंगे होने का हवाला देकर मिठाइयों के दाम बढ़ा दिए, जिससे लोगों की जेब पर बोझ और बढ़ गया।
सूत्र बताते हैं कि कई दुकानों ने एडवांस बुकिंग के जरिए लाखों की मिठाइयां पहले ही बेच डाली हैं, वहीं खुदरा बिक्री का कोई सटीक हिसाब नहीं है। इन दुकानों में कंपोजिशन लाइसेंस और पैकेजिंग के नाम पर भी गड़बड़ी की जा रही है।
खास बात यह है कि शहर के इन बड़े मिठाई कारोबारियों पर अब तक जीएसटी विभाग की कोई छापामार कार्रवाई नहीं हुई, जबकि अन्य व्यापारियों पर नियमित जांच की जाती है।












