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सगाई में रिंग के साथ एक दूसरे को पहनाया हेलमेट : हादसे में हुई थी पिता की मौत, दिया सड़क सुरक्षा का संदेश

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में एक सगाई समारोह चर्चा का विषय बन गया, जहां पारंपरिक अंगूठी पहनाने की रस्म के साथ-साथ जोड़े ने हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया।

डोंगरगढ़ के जारवाही निवासी बीरेंद्र साहू, जो ग्राम पंचायत भानपुरी में सचिव के रूप में कार्यरत हैं, और उनकी मंगेतर ज्योति साहू ने सगाई के दौरान रिंग बदलने के साथ हेलमेट पहनाने की अनूठी पहल की।

सगाई समारोह में पहनाया हेलमेट।

सगाई समारोह में पहनाया हेलमेट।

हेलमेट संगवारी के नाम से मशहूर परिवार

बीरेंद्र साहू के बड़े भाई धर्मेंद्र साहू, जिन्हें स्थानीय लोग “हेलमेट संगवारी” के नाम से जानते हैं, ने इस पहल की शुरुआत अपने पिता की दर्दनाक सड़क दुर्घटना के बाद की। धर्मेंद्र ने बताया, ‘पिता ने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण गंभीर सिर की चोटें आईं और उनकी मृत्यु हो गई। उस घटना ने हमारी जिंदगी बदल दी। तबसे हमने ठान लिया कि हम दूसरों को इस भूल से बचाने के लिए जागरूक करेंगे।’

जोड़े ने एक दूसरे को हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया।

जोड़े ने एक दूसरे को हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया।

आज धर्मेंद्र और उनका परिवार सड़क सुरक्षा के लिए समर्पित हो गया है। धर्मेंद्र ने अब तक 1,000 से अधिक हेलमेट जरूरतमंदों को वितरित किए हैं और कई स्कूल, कॉलेज, और सामुदायिक कार्यक्रमों में सड़क सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाए हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मिशन नहीं है, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसे हर नागरिक को समझना चाहिए।

पिता की मौत के बाद सड़क सुरक्षा के लिए समर्पित हुआ परिवार।

पिता की मौत के बाद सड़क सुरक्षा के लिए समर्पित हुआ परिवार।

सगाई कार्यक्रम बना जागरूकता का मंच

सगाई समारोह के दौरान बीरेंद्र और ज्योति ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारी खुशी तब पूरी होगी, जब हमारे आसपास का हर व्यक्ति बाइक चलाते समय हेलमेट पहनेगा। यह सिर्फ एक सुरक्षा उपकरण नहीं, बल्कि जीवन का रक्षक है।’

एक हजार से ज्यादा लोगों को पहनाया हेलमेट।

एक हजार से ज्यादा लोगों को पहनाया हेलमेट।

प्रशासन और समाज ने की सराहना

धर्मेंद्र साहू के इस मिशन को स्थानीय प्रशासन और समाज के विभिन्न वर्गों ने सराहा है। डोंगरगढ़ के तहसीलदार ने उनके प्रयासों को ‘सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण’ कहा। वहीं, स्थानीय मीडिया ने उन्हें ‘हेलमेट योद्धा’ का खिताब दिया।

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