निगम प्रशासन के नोटिस पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दिया है।
भिलाई के रिसाली नगर निगम ने प्राइवेट जमीन पर पहले महिला को क्लीन चिट दे दी। फिर भाजपा पार्षद के दबाव में उसे विवादित बताकर बेदखली नोटिस जारी कर दिया। इस मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने निगम के नोटिस पर स्थगन आदेश दिया है।
दरअसल, नीलिमा नैयर ने एडवोकेट संदीप दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा पार्षद पर सत्ता का दुरुपयोग करते हुए उसकी निजी जमीन को विवादित बताकर हड़पने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा कि जिस जमीन को पूर्व में जांच के बाद रिसाली नगर निगम आयुक्त ने जांच रिपोर्ट के आधार पर क्लीन चिट देते हुए निजी जमीन बताया था। उसी जमीन को कमिश्नर ने विवादित और अवैध निर्माण होना बताते हुए बेदखली के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
निगम ने प्राइवेट जमीन पर बनाया 500 फीट का रास्ता
याचिका के अनुसार नीलिमा नैयर ने खसरा नंबर 398/2 क्षेत्रफल 4600 वर्ग फीट भूमि खरीदी है। यह जमीन वार्ड क्रमांक 61 प्रगति नगर, रिसाली, भिलाई में पंजीकृत विक्रय विलेख 5 सितंबर 2019 के तहत स्थित है। उनकी जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही नगर निगम ने 500 फीट का रास्ता बना दिया। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने अपनी जमीन सुरक्षित रखने के लिए तार और लोहे की छड़ से घेर दिया। जिस पर संजय कुमार वर्मा और अन्य द्वारा शिकायत की गई। 6 मार्च 2023 को नगर निगम ने इसकी जांच कराई। जांच रिपोर्ट में शिकायत को झूठा बताते हुए उक्त जमीन को प्राइवेट जमीन बताया।
भाजपा पार्षद पर जमीन हड़पने की साजिश करने का आरोप
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि भाजपा का एक वार्ड पार्षद उक्त जमीन को उसे बेचने के लिए दबाव बना रहा है। इसलिए उसके प्रभाव में आकर रिसाली नगर निगम के आयुक्त ने 4 दिसंबर को फिर से नोटिस जारी कर अवैध निर्माण होना बताया है।
हाईकोर्ट ने जारी किया स्थगन आदेश, निगम आयुक्त से मांगा जवाब
मामले की सुनवाई जस्टिस एनके चंद्रवंशी के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि, आयुक्त नगर पालिक निगम रिसाली की जांच रिपोर्ट और याचिकाकर्ता के दसवेजों को देखकर निगम आयुक्त के नोटिस पर स्थगन आदेश जारी किया है। इसके साथ ही आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।