सुरक्षित भूमि से सुढेला के ग्रामीण अवैध रूप से पेड़ की कटाई कर बना रहे है, मकान, बाड़ी, खेत, खलिहान

   पंचायत प्रतिनिधियों ने कलेक्टर, वनमण्डलाधिकारी, तहसीलदार बलौदाबाजार से की शिकायत
बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
कोविड-19 महामारी के इस दौर में सुरक्षित भूमि बड़े झाड़ के जंगल से सुढ़ेला के ग्रामीण बेरोकटोक पेड़ की अवैध कटाई कर मकान, बाड़ी, खेत खलिहान बना रहे है। घने जंगल में लगे पौधें की कटाई कर घर ले जा रहे है। पेड़ों की अवैध कटाई होने से पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है। वही, इस वर्ष कोरोना महामारी में आक्सीजन एक बड़ी समस्या बनकर उभरी हुई थी। आक्सीजन की कमी की वजह से अधिकांश लोगों को असमय अपना जान भी गवांना पड़ा था। इसके बावजूद ग्रामीणों क्षेत्रों के लोग अवैध पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे है। उक्त मामला है जनपद पंचायत बलौदाबाजार के ग्राम सुढेला का। यंहा कुछ ग्रामीणों द्वारा पंचायत द्वारा आरक्षित सुरक्षित भूमि बड़े झाड़ के जंगल में लगे पौधों की अवैध रूप से कटाई कर बलपूर्वक घर ले जा रहे है। साथ ही उक्त जगह पर अतिक्रमण कर मकान, बाड़ी, खेत, खलिहान बनाकर कब्जा किया जा रहा है। उक्त मामले की शिकायत सरपंच तोताराम साहू सहित जनप्रतिनिधि पदमाबाई, सहोद्रा, फुलबाई, दुलेश्वरी सेन, भगवती, मलेशिया, थानुराम, अगहन, गायत्री साहू, सगरी बाई, ईश्वर पैकरा, निर्मला, सुखमनी, कमलनारायण, दुर्गाप्रसाद ने कलेक्टर कार्यालय, वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार, तहसीलदार बलौदाबाजार में शिकायत कर कार्यवाही की मांग किया गया है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायत द्वारा ग्राम सुढ़ेला की आरक्षित की हुई जमीन पर पांच साल पहले पौधा रोपकर तार का घेरा किया गया था। जिसे कुछ ग्रामीण तोड़ दिये है। उक्त भूमि में मनरेगा के तहत पौधा लगाया गया था जिसकी संरक्षण पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा किया जा रहा है। उक्त भूमि राजस्व रिकार्ड में बड़े झाड़ के जंगल के नाम से दर्ज है। जिस पर गांव के कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से पेड़ की कटाई कर मकान, बाड़ी, खेत बलपूर्वक बनाया जा रहा है। जिस पर तत्काल रोक लगाकर पेड़ की अवैध रूप से कटाई कर जमीन पर कब्जा करने वाले के खिलाफ कार्यवाही मांग ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया गया है।

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