छत्तीसगढ़न्यूज़

ग्रामवासियों ने भू-अर्जन संबंधीत ईश्तहार पर एसडीएम घरघोड़ा को जताई विधिक आपत्ति.

अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:- जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत जांजगीर के गांव नागरामुड़ा के भूमि को भू-अर्जन करने के संबंध में जारी ईश्तहार दिनाँक 01/10/2024 पर आज 10/10/2024को नागरामुड़ा के ग्रामवासियों ने विधिक आपत्ति जताई है।
ग्रामवासी नागरामुड़ा अनावेदकगण की ओर से, जारी किये गए ईश्तहार पर निम्नलिखित आपत्ति प्रस्तुत की गई है..

जेपीएल द्वारा कुल कितना भूमि अर्जित किया जा रहा है उसका उल्लेख नही किया गया है वहीं भू-अर्जन के संबंध में किये गये सर्वे को उन्होंने त्रुटिपूर्ण बताया है। भू-अर्जन के संबंध में किये गये सर्वे में अधिकांश ग्रामवासियों का नाम उल्लेखित नही किया गया है और बाहरी व्यक्तियों का नाम सर्वे में अंकित किया गया है।

ग्राम नागरामुड़ा जनजाति ग्राम है। जिसमें जनजातियों का सर्वेक्षण नही किया गया है। जबकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 में जनजातियों के सभी प्रकार हित और अधिकार का ध्यान रखे जाने का प्रावधान है। ग्राम नागरामुड़ा के भूमि को अर्जित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 46 एवं पाँचवी अनुसूची का उल्लंघन है।
जिंदल कम्पनी द्वारा नागरामुड़ा बस्ती को भी उक्त भू अर्जन के द्वारा विस्थापित किया जा रहा है जबकि बस्ती को विस्थापित किये जाने का प्रावधान नही है तथा बस्ती के व्यवस्थापन एवं पुनर्वास हेतु कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है।

ग्राम नागरामुड़ा वनों से आच्छादित ग्राम है। जहाँ जंगली जानवरों का निवास स्थान है। ग्राम नागरामुड़ा की भूमि को भू-अर्जन में लिये जाने पर जंगली जीव जन्तु और ग्राम नागरामुड़ा से लगे वनों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। ऐसी स्थिति में ग्राम नागरामुडा की भूमि को भू-अर्जन में नहीं लिया जा सकता।

ग्राम नागरामुडा हाथी एवं जंगली जानवरों का रहवास क्षेत्र है। जहाँ हाथियों का विचरण लगातार होते रहता है। ग्राम गारे हाथियों का गलियारा एलीफैंट रिज़र्व वायर है। वर्तमान में भी रोज हाथी ग्राम गारे और आसपास के गाँव में वर्तमान में भी रोज दिन प्रतिदिन विचरण करते हैं। ईलिफेंट कॉरिडोर होने के कारण ग्राम नागरामुड़ा की भूमि को सतही अधिकार में नहीं लिया जा सकता है।

ग्राम नागरामुडा से 5 किलोमीटर के अंतर्गत मिलूपारा ग्राम है। मिलूपारा ग्राम में मोरगा पहाड़ है। जहाँ प्रागैतिहासिक काल के स्मारक चिन्ह निर्मित हैं। जिसे राज्य शासन द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। शासन के नियमानुसार ऐसे क्षेत्र से 10 किलोमीटर के परिधि में भू-अर्जन नही किया जा सकता।

ग्राम नागरामुड़ा की भूमि को भू-अर्जन में प्राप्त करने के लिये ग्राम पंचायत जॉजगीर से अथवा ग्राम सभा से किसी भी प्रकार का अनापत्ति प्राप्त नहीं किया गया है। भू-अर्जन में लिये जाने के पूर्व ग्राम नागरामुडा का तथा वहाँ के निवासियों का एवं पशु पक्षियों का सर्वे नहीं किया गया है।

ग्राम नागरामुड़ा में कितने बेरोजगार हैं तथा किनको किनको आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है तथा किन किन लोगों को रोजगार दिये जाने का कम्पनी एवं शासन द्वारा निर्णय लिया गया है, उसका उ‌द्घोषणा जारी नहीं किया गया है।

पूर्व में ग्राम नागशमुखा के भूमि को वर्ष 2009-10 में भू-अर्जन अधिग्रहण किया गया था, किन्तु ग्राम नागरामुड़ा के कृषकों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। और किसी को भी अभी तक नौकरी कम्पनी द्वारा नहीं दिया गया है। भूमि का भी रकम नही दिया गया है।

किस दर पर भू-अर्जन में लिया जायेगा ग्राम नागरामुड़ा की भूमि को. इसका भी उद्घोषणा जारी नहीं किया गया है।
ग्राम नागरामुड़ा के ग्रामवासी भू-अर्जन में अपने भूमि को नहीं देना चाहते हैं।

ग्राम नागरामुड़ा जनजाति प्रकृति पूजक हैं और अपने आसपास के वनों से ही वन उपज संग्रहण कर जीविकोपार्जन करते हैं। ग्राम नागरामुड़ा में भू-अर्जन किये जाने से ग्रामवासियों का आर्थिक हित प्रभावित होगा तथा उनका पलायन होगा।

भू-अर्जन से प्रभावित ग्राम के 18 वर्ष से उपर का व्यक्ति रोजगार का अधिकार रखते हैं। भू-अर्जन किये जाने की स्थिति में ग्रामवासियों को दिये जाने वाले रोजगार का पूर्व प्रकाशन होना आवश्यक है। भूमि में कब्जा लेने के पूर्व रोजगार सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

अतः उपरोक्त स्थिति में ग्रामवासियों का प्रतिनिधि मण्डल बनाकर शासन के द्वारा उनकी उपस्थिति में ग्राम का सर्वेक्षण किया जाना आवश्यक है। उपरोक्त स्थिति में भू-अर्जन की कार्यवाही निरस्त किया जाना न्यायहित में उचित एवं आवश्यक होगा ऐसा प्रभावित ग्रामीणों ने एसडीएम सह भू अर्जन से आपत्ति दर्ज कराया है।

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