चिरायु योजना से बालक यश को मिला नवजीवन


कोसीर।छत्तीसगढ़ शासन की चिरायु योजना बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। कई बच्चे जन्मजात से ही कुछ बीमारियों के साथ पैदा होते हैं। पैसे के अभाव में पालकों द्वारा अपने बच्चों का चेकअप न करा पाने के कारण यह बीमारियां उनके शरीर में धीरे-धीरे बढ़ती जाती हैं और गंभीर रूप ले लेती हैं। छ.ग.शासन का एक ही उद्देश्य है कि ऐसे सभी बच्चों की बीमारी को गंभीर स्थिति में पहुँचने से पहले ठीक करना है। योजना के माध्यम से आंगनबाड़ी, स्कूल व अन्य स्थानों पर चिरायु टीम द्वारा जांच केन्द्र स्थापित कर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। यदि इनमें से किसी बच्चे में कोई बीमारी पाई जाती है तो उसका नि:शुल्क इलाज किया जाता है। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए चिरायु टीम अलग-अलग जगह पर जाकर जांच करती है। ऐसे बच्चे जो गंभीर रूप से बीमार थे। उन्हें चिरायु योजना से नवजीवन मिला है। आज वे सभी बच्चे अन्य बच्चों की तरह स्वस्थ है और उनके चेहरे मुस्कान दिखाई दे रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरमकेला अंतर्गत चिन्हित गंभीर हृदय रोग से पीडि़त बालक यश निषाद 8 वर्ष, निवासी-ग्राम कमरीद तहसील बरमकेला को चिरायु टीम के अधिकारी कर्मचारी द्वारा जांचोपरांत उच्च स्तरीय इलाज की आवश्यकता को देखते हुए उक्त मरीज को 13 अगस्त 2021 को मेडिकल कॉलेज रायपुर ले जाया गया था जहां इको व एक्स-रे के पश्चात ऑपरेशन की सलाह डॉ.एन.एस.चन्देल द्वारा दी गयी। परिजन अपने सुविधा और सहजता के अनुरूप 28 अक्टूबर 2021 को रायपुर के हायर सेंटर संकल्प हॉस्पिटल सरोना में भर्ती हुए। सारे जांच व स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए 03 नवम्बर को सफल ऑपरेशन किया गया। 06 नवम्बर को बालक यश को छुट्टी दे दी गई है अब वे घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहा है।
डॉ.पी.डी.खरे ने बताया कि हृदय के किसी भी प्रकार के ऑपरेशन में लाखों रुपए लगते हैं लेकिन सरकार के चिरायु योजना में 0 से 18 साल तक के समस्त बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। इस तरह के अनेकों बच्चों का छत्तीसगढ़ में इलाज किया जा चुका है। आज वे सभी बच्चे अन्य बच्चों के जैसे स्वस्थ हैं। इस कार्य में जिला नोडल डॉ.योगेश पटेल, बी.एम.ओ.डॉ.पाणिग्रही, बी.पी.एम.श्री इजारदार की तत्परता से व डॉ.नीतू, डॉ.सिंह, प्रवीण व कविता नायक विशेष सहयोग रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button