ढाई-ढाई साल पर सिंहदेव ने कहा कि नाराजगी नही,भविष्य में मौका मिला तो बंद कमरे की बात बोल सकते है लेकिन मर्यादा में रहना पड़ता है, पार्टी हाईकमान जो तय करे हम उनके साथ रहते हैं

*ढाई-ढाई साल पर सिंहदेव ने कहा कि नाराजगी नही,भविष्य में मौका मिला तो बंद कमरे की बात बोल सकते है लेकिन मर्यादा में रहना पड़ता है, पार्टी हाईकमान जो तय करे हम उनके साथ रहते हैं:-*
*आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर(छ.ग.)*
रायपुर।छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने मिडिया में हुए एक चर्चा में पार्टी हाईकमान को लेकर वक्तव्य दिया है।
सिंहदेव ने कहा कि मेरे लिए कोई नाराजगी की बात नही है ये जरूर है कि बंद कमरे में क्या चर्चा होती है हम लोग फ्री नही होते उस बारे में खुल कर कुछ बोलने के लिए,लेकिन मिडिया में बार बार ये बात आती रही ये ढाई-ढाई साल वाली तो लगता है कि कुछ बात होगी मिडिया चर्चा कर रही है तो उनको कोई ना कोई ठोस जानकारी होगी और उस बाबत अगर नही हुआ तो थोड़ा disappointment (निराशा) तो होती है।एक चांस था एक संभावना थी काम करने का मौका मिल सकता था।पर वो पार्टी के अंदर की बात है हाईकमान जो तय करता है हम उनके साथ रहते हैं।
*भविष्य में मौका मिला तो बंद कमरे की बात बोल सकते हैं,अभी मर्यादा मुझे मेंटेन करनी पड़ेगी:*
ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री ने सहजता के साथ अपनी बात कही कि उसकी मर्यादा मुझे अभी मेंटेन करनी पड़ेगी भविष्य में अगर मौका मिले तो बोल सकते हैं कि क्या बात हुई थी।
*पायलट ने भी की थी सीधी बगावत,उनको भी मौका दिए जाने की बात हुई थी: इस पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि:*
राजस्थान में भी सचिन पायलट के साथ वही हुआ और सचिन पायलट ने भी सीधी बगावत की थी क्योंकि उनको भी मौका दिया जायेगा कि बात हुई थी,लेकिन नही दिया गया। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव का कहना है कि सचिन पायलट जी के साथ क्या चर्चा हुई थी मैं उसकी जानकारी तो नही रखता लेकिन मिडिया में उनका भी लगातार विकल्प के रूप में चेंज हो सकता है ये बात होती रही थी।लोग अलग होते, रिस्पॉन्स अलग होते हैं,रिएक्शन अलग होते हैं छत्तीसगढ़ अलग है, राजस्थान अलग है और अलग अलग प्राकर से अलग अलग जगहों से घटनाक्रम होते हैं। सिंहदेव ने कहा कि सचिन युवा है एक पीसीसी प्रेसिडेंट के रूप में एक कठिन लड़ाई लड़ के सरकार भी बनी और चर्चा थी की पीसीसी प्रेसिडेंट के नाते उनको चांस मिल सकता है वो बातें नही हो पाई थी।
अब और इस दरमियान हमें कटुता भी देखने को मिली राजस्थान में छत्तीसगढ़ में ऐसा कुछ नही हुआ कहीं अलग से ग्रुप बनके बैठे थे कि हमारी बात भी सुनी जाएगी कहीं कुछ हुआ कहीं किसी ने कुछ कमेंट किया।
*हर वर्ग के लिए खड़े हुए मुख्यमंत्री को वादे पूर्ण करने पत्र भी लिखा लेकिन नही किया गया, उपेक्षित भी हुए बिलासपुर में सिंहदेव समर्थकों पर फर्जी एफआईआर भी दर्ज की गई थी:*
सिंहदेव हर वर्ग के लोगों के लिए खड़े हुए मुख्यमंत्री को घोषणा पत्र में किए वादे पर भी पत्र लिख मांगें पूर्ण करने कहा लेकिन नही किया गया। समय समय में सिंहदेव की उपेक्षा भी की गई तथा उनके समर्थकों पर फर्जी एफआईआर दर्ज भी की गई थी।
उपेक्षित होने तथा पंचायत विभाग में बातों को अनसुनी तथा काम तक नही करने दिया इसीलिए विभाग का मंत्री होकर लोगों के लिए काम नही कर पा रहे इसी बात पर पंचायत विभाग से सिंहदेव ने इस्तीफा भी दिया था।

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