
रायपुर. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान केवल दो माह में थोक में संक्रमण और मौतों से सीख लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। ऑक्सीजन की दिक्कत से लोगों की स्थिति गंभीर न हो जाए, इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के इंतजाम किए जा रहे हैं। पहली लहर के दौरान छह माह में कोरोना ने इतना कहर नहीं बरपाया था, जितना दूसरी लहर के दो माह में बरपाया। अप्रैल और मई माह में थोक में लोगों को संक्रमित पाया गया और इससे होने वाली मौतों ने भी रिकार्ड तोड़ दिया। कोरोना की दूसरी पीक में सरकारी के साथ निजी और बड़ी संख्या में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में भी बिस्तरों की मारामारी हो गई थी। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अभी से व्यापक तैयारियों में जुटा हुआ है। कोरोना का संक्रमण सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी लो फ्लो ऑक्सीजन की सुविधा के लिए पांच कंसंट्रेटर की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए बड़ी संख्या में लोगों की जांच हो सके, इसके लिए दंतेवाड़ा, दुर्ग, जशपुर, जांजगीर-चांपा में आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब खोलने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 11 स्थानों पर आरटीपीसीआर तथा 3 ट्रू नॉट लैब में सैंपल जांच की जा रही है। इसके साथ प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से जांच पूरी की जा रही है।
पोस्ट कोविड केयर कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद आने वाली मानसिक परेशानी और शारीरिक जटिलताओं को दूर करने के लिए पोस्ट सभी जिलों में पोस्ट कोविड ओपीडी भी शुरू करने की योजना है। इसके साथ संक्रमण के इलाज के दौरान मरीजों को बेहतर काउंसिलिंग के लिए बेंगलुरु के निमहंस में 69 डाक्टरों को प्रशिक्षण दिलाया गया है। इस तरह की तैयारी प्रत्येक उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर दवा रखने एक कोरोना प्रबंधन डिपो प्रत्येक पीएचसी में 5 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, समीप कोविड केयर सेंटर सीएचसी, सिविल अस्पताल में 15 ऑक्सीजन, 4 आईसीयू बेड जिला अस्पताल में 30 बिस्तर का आईसीयू और वेंटिलेटर का इंतजाम बच्चों के लिए भी तैयारी तीसरी लहर में छोटे बच्चों पर अधिक असर होने की आशंका को देखते हुए भी अस्पतालों में पृथक इंतजाम किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक जिला अस्पताल में दो पीडियाट्रिक वेंटिलेटर का इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा सभी मेडिकल काॅलेज और एम्स में भी छोटे बच्चों के लिए पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। तैयारी की जा रही भले ही अभी कोरोना के मामले काफी कम हैं, मगर संभावित तीसरी लहर से निपटने स्वास्थ्य विभाग व्यापक स्तर पर तैयारी कर रहा है।