
रिश्ते में जो नातिन लगती थी, उसी मासूम बच्ची से हैवानियत करने वाला कल्लू राठौर पहले बच्ची को उसी हालत में छोड़कर भाग रहा था। वह शराब के नशे में धुत था, उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और कबाड़े के गोदाम के पीछे से कच्चे रास्ते पर उतरने लगा। तभी दर्द से तड़प रही मासूम चीखकर आरोपित से बोली-बाबा तुम बहुत गंदे हो, तुमने मेरे साथ गंदा काम किया है। मैं अपनी मम्मी को बताऊंगी और मासूम चीखकर रोने लगी। आरोपित को लगा, उसका पाप सबके सामने आ जाएगा, उसने सीधे बच्ची का हाथ से मुंह दबाया। बच्ची ऐडि़यां रगड़ती रही, मासूम हथेलियों से उसे धकेलने की कोशिश करती रही, मुंह व सिर को नोंचती रही। आरोपित ने तब तक मुंह दबाए रखा जब तक वह बेसुध होने लगी। उसकी आंख बंद होने लगी तो पास में पड़ा बड़ा पत्थर उठाया, बेरहमी से उसके मुंह और सिर पर पटककर हत्या कर डाली। दिल दहला देने वाला यह खुलासा खुद आरोपित कल्लू ने पुलिस से पूछताछ में किया है। उसने पूछताछ में बताया- उसने पहले बच्ची को मारने के बारे में नहीं सोचा था, जब वह घर पर बताने की बात कहने लगी तो उसने मार डाला।
लुधियाना में भी की नदी में कूदने की कोशिश:
कल्लू पुलिस को घटना के बारे में बताते-बताते घड़ियाली आंसू भी बहा रहा है। बोला- जब बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी तो घर भागकर आ गया। कपड़ों पर खून लगा था, कुछ समझ नहीं आया। पहले नहाया, फिर कपड़े बाल्टी में धो डाले। कपड़े बदलकर यादव धर्मकांटे के पास ही स्थित कलारी पर पहुंचा, यहां दो पल्लेदारों के साथ बैठकर छककर शराब पी। उसे बार-बार वही घटना आंखों के सामने आ रही थी, इसलिए आत्मग्लानि से भर गया। वह वापस बच्ची की लाश के पास गया, यहां बैठकर रोने लगा। इसके बाद पास में से गुजर रहे रेलवे ट्रैक पर लेट गया। वह पूछताछ में बोला कि उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया था, क्योंकि खुद पर घिन आ रही थी। इसलिए रेलवे ट्रैक पर लेट गया, तभी यहां से कुछ लोग गुजरे। इन लोगों ने पूछा तो रोते हुए मरने की बात कही। इन लोगों ने मारपीट कर उसे भगा दिया। फिर घर पहुंचा, यहां बच्ची के पिता और स्वजन आ गए। जब इन्होंने कहा कि अगर बच्ची के बारे में कुछ नहीं बताया तो अब पुलिस के पास एफआइआर कराने के लिए जाएंगे। फिर वह भाग गया। उसने बताया लुधियाना में भी वह गिल चौराहे के पास से निकली नदी में कूदने गया था, लेकिन फिर लौट गया।
शातिर दिमाग...ग्वालियर से पहले आगरा, फिर पंजाब पहुंचा, तीसरे ही दिन आगरा आ गया और भेष बदलकर घूमता रहा, पुलिस पंजाब में ढूंढती रही:
– आरोपित कल्लू राठौर बहुत ही शातिर दिमाग का है। जब उसे लगा, उसने जो घटना की है, अब वह सामने आने वाली है तो वह भाग निकला। वह सीधे बस स्टैंड पहुंचा। यहां से आगरा, दिल्ली की ओर जाने वाली बस पकड़ ली।
– पूछताछ में उसने बताया बस पकड़कर वह पहले आगरा पहुंचा, यहां बस से उतरा फिर अलीगढ़ गया। अलीगढ़ से दिल्ली जाने वाली बस में बैठ गया, पुलिस को चकमा देने के लिए फिर बस बदल दी। दिल्ली में नहीं रुका, वह सीधे लुधियाना निकल गया। 27 जून को ही उसने मोबाइल बेच डाला। लुधियाना के गिल चौराहे के आसपास भेष बदलकर घूमता रहा। यहां सरदार रहते हैं, इसलिए सिर में सफेद रंग का कपड़ा बांध लिया, टीशर्ट और सफेद रंग के पायजामे में घूमता रहा। रात तक यहीं रहा, उसे लगा मोबाइल बेचने पर उसके बारे में सुराग लग सकता है इसलिए रेलवे स्टेशन पहुंचा। आगरा जाने वाली ट्रेन में बिना टिकट बैठ गया। आगरा तक ट्रेन से आया, यहां स्टेशन पर उतरा। इसके बाद आगरा, मथुरा ही घूमता रहा। कभी रेलवे स्टेशन, कभी बस स्टैंड और कभी मंदिर के बाहर बैठकर भीख मांगने लगता। भंडारे, लंगर में खाना खा रहा था। जो पैसे मिलते थे, उनसे शराब पीता था।
– वह पुलिस को पंजाब में उलझाकर आगरा में ही भिखारी बनकर घूमता रहा। उसे ध्यान आया कि घर में जेवर रखे हैं, इन्हें चोरी करने के लिए वह बीती रात ट्रेन में बिना टिकट ग्वालियर के लिए बैठ गया। मुंह बांधकर ट्रेन के आउटर में धीमी होने पर उतर गया। कुछ दूर पैदल चला और टेंपो में बैठ गया। टेंपो से हजीरा पहुंचा, पैदल-पैदल घर की तरफ जा रहा था तभी पकड़ा गया।
1- अंशुल यादव, दुकानदार: अंशुल मानसिंह कालेज के पास टोस्ट, ब्रेड, दूध की दुकान चलाते हैं। सुबह 5.15 बजे वह घर से दुकान जा रहे थे। उनके पास कल्लू का फोटो था, उन्हें सामने से कल्लू आता दिखा। एक आंख न होने से उसे पहचान लिया, सीधे एएसआई रामेंद्र सिंह को काल किया। इसके बाद पकड़वाने में सहयोग किया।
2- रामेंद्र सिंह, एएसआई: हजीरा थाने के एएसआई रामेंद्र सिंह सुभाष नगर में ही रहते हैं। उनके पास सुबह अंशुल का काल आया, 50 वर्ष की उम्र में भी जैसे ही कल्लू की सूचना मिली वह सादा कपड़ों में ही दौड़े। दौड़ते दौड़ते सीएसपी रवि भदौरिया को काल किया। कुछ ही देर में रामेंद्र वहां पहुंच गए और कल्लू को घेर लिया।
3- सुबोध सेंगर, स्थानीय निवासी: कल्लू को रामेंद्र सिंह ने घेरा तो अंशुल भी मदद के लिए आया। रामेंद्र की उम्र 50 वर्ष है, इसलिए कल्लू भारी पड़ने लगा लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। सुबोध सेंगर तुरंत कल्लू को पकड़ने दौड़ा। तीनों ने घेरा तो आसपास के लोग सोचे झगड़ा हो रहा है। तब इन्हें बताया कि यह दुष्कर्मी है फिर तो लोगों ने भी उसे घेर लिया और पीटा।
आगरा से भी पीछे लग गई थी टीम: आगरा से भी क्राइम ब्रांच के एएसआई राजीव सोलंकी और उनकी टीम लग गई थी। इन लोगों के कल्लू के ग्वालियर निकलने की सूचना मिल गई थी, यह लोग आगरा से पीछे लगे थे, लेकिन तब तक वह ग्वालियर में पकड़ा गया।
गुस्सा...बच्ची के स्वजन बोले- एनकाउंटर होना चाहिए था: बच्ची के स्वजन गुस्से में हैं। आरोपित के पकड़े जाने पर स्वजनों का कहना है- उसने जो हैवानियत की है, उसके लिए तो सीधे उसका एनकाउंटर ही होना चाहिए था। जब आरोपित पकड़ा गया है तो स्वजनों का कहना है-बच्ची को न्याय तभी मिलेगा, जब उसे फांसी पर लटकाया जाएगा। इसे लेकर एसएसपी अमित सांघी का कहना है- अपराध को चिन्हित प्रकरण की श्रेणी में रखा जाएगा। डीएनए टेस्ट व अन्य प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जाएंगी। विवेचना जल्द पूरी कर चालान पेश करेंगे, जिससे जल्द आरोपित को सजा मिल सके।














