
पनामा पेपर्स लीक मामला: ED ने 5 घंटे की ऐश्वर्या राय बच्चन से पूछताछ, जानें क्या है पूरा मामला
पनामा पेपर्स लीक मामले को लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) सोमवार सुबह से ही चर्चा में बनी रहीं। ‘पनामा पेपर’ केस में सोमवार को ऐश्वर्या राय बच्चन पूछताछ के लिए दिल्ली में प्रवर्तन निदेशाालय के समक्ष उपस्थित हुईं, जहां उनसे करीब 5 घंटे तक पूछताछ हुई। ईडी द्वारा ऐश्वर्या से विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत पूछताछ की गई। सेलिब्रिटी फोटोग्राफर विरल भियानी ने ऐश्वर्या राय का एक फोटो कोलाज शेयर किया है, जहां वो ईडी के ऑफिस से बाहर निकलती नजर आ रही हैं। विरल के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट करते हुए इस पूरे केस पर अपनी राय रख रहे हैं।
बता दें कि ऐश्वर्या राय बच्चन जब इंडिया गेट के पास स्थित ईडी कार्यालय में पेश हुईं, तो उन्होंने एजेंसी को कुछ दस्तावेज भी सौंपे। दरअसल मामला वर्ष 2016 में वाशिंगटन स्थित ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) द्वारा पनामा की कानूनी फर्म मोसैक फोंसेका के रिकॉर्ड की जांच से जुड़ा है, जिसे ‘पनामा पेपर्स’ नाम से जाना जाता है।
भारत से संबंधित कुल 426 मामले
इसमें विश्व के कई नेताओं और मशहूर हस्तियों के नाम सामने आए थे, जिन्होंने कथित तौर पर देश से बाहर की कंपनियों में विदेशों में पैसा जमा किया था। इनमें से कुछ के बारे में कहा गया है कि उनके पास वैध विदेशी खाते हैं। इस खुलासे में कर चोरी के मामलों को सामने लाया गया था। इस प्रकरण में भारत से संबंधित कुल 426 मामले थे। ईडी 2016-17 से बच्चन परिवार से जुड़े मामले की जांच कर रहा है। इसने बच्चन परिवार को नोटिस जारी कर उन्हें 2004 से भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत और फेमा के तहत विनियमित अपने विदेशी प्रेषण की व्याख्या करने को कहा था। बच्चन परिवार ने उस समय एजेंसी को कुछ दस्तावेज सौंपे थे।
विदेशी कंपनी से जुड़ी ऐश्वर्या!
सूत्रों ने कहा कि परिवार से जुड़ी कथित अनियमितताओं के कुछ अन्य मामले भी संघीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में हैं। अमिताभ बच्चन के अभिनेता बेटे अभिषेक की पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन के बारे में आईसीआईजे ने कहा था कि अभिनेत्री ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में 2005 में बनी एक विदेशी कंपनी से जुड़ी हैं। अभिनेत्री के परिवार को भी इस विदेशी कंपनी का हिस्सा बताया गया था, जिसकी 50,000 डॉलर की प्रारंभिक अधिकृत पूंजी थी। कंपनी कथित तौर पर 2008 में भंग कर दी गई थी।
अभिषेक से भी हुई थी पूछताछ
सूत्रों ने कहा कि अभिषेक बच्चन से भी पूर्व में प्रकरण से जुड़े एक अन्य मामले में ईडी द्वारा पूछताछ की जा चुकी है। सरकार ने पनामा पेपर्स और इसी तरह के वैश्विक कर लीक मामलों की जांच की निगरानी के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के अधीन केंद्रीय जांच एजेंसियों का एक बहु-एजेंसी समूह (एमएजी) बनाया था, जिसमें ईडी, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के अधिकारी भी शामिल हैं। इसने हाल ही में कहा था कि एक अक्टूबर, 2021 तक पनामा और पैराडाइज पेपर लीक में मामले में भारत से जुड़ी 930 हस्तियों/संस्थाओं के संबंध में कुल 20,353 करोड़ रुपये के अघोषित क्रेडिट का पता चला है।