छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले मोहला में पूर्व गोपनीय सैनिक व नक्सल मोर्चे पर तैनात आरक्षक के पिता की हत्या कर दी गई है। शुक्रवार को बुकमरका और सुडियाल के बीच जंगल में माओवादियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया है।
हालांकि फोर्स देर रात होने के कारण घटनास्थल नहीं पहुंच पाई है, रास्ता काफी दुर्गम और नक्सली पैठ वाला इलाका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मानपुर पुलिस डिवीजन के नक्सल ऑपरेशन में पूर्व गोपनीय सैनिक और नक्सल ऑपरेशन में तैनात आरक्षक के पिता रविंद्र साय कटेगा निवासी संबलपुर थाना क्षेत्र कोहका विकासखंड मानपुर की शुक्रवार की शाम तीसरे पहर 3: से 4 बजे के बीच नक्सलियों द्वारा मौत के घाट उतार देने की खबर सामने आई है। घटना की सूचना पुलिस विभाग को भी पहुंची है परंतु घटनास्थल दुर्गम व नक्सली पेठ इलाका होने के कारण फोर्स घटनास्थल में नहीं पहुंच पाई है। वहीं मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी जिले के एसपी वाय अक्षय कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि, खबर मिली है नक्सल हत्या की। घटनास्थल के लिए फोर्स रवाना किया गया है।
13 साल से मानपुर में रह रहा था मृतक
नक्सल तांडव के बीच अपना घर-बार जमीन छोड़कर रविंद्र साय कटेगा मानपुर में नक्सल पीड़ित के रूप में 2009 से निवासरत था। 2,000 2010 में बतौर गोपनीय सैनिक पुलिस फोर्स के लिए उसने काम भी किया। उसका एक बेटा पुलिस के आरक्षक पद पर पाना बरस में पदस्थ है।
3 सालों में 7 की हत्या
3 साल पूर्व नक्सलियों ने मानपुर विकासखंड के धब्बा से लेकर संबलपुर तक 25 लोगों को मारने का फरमान जारी किया हुआ है। इस फरमान के मुताबिक अब तक नक्सलियों ने 3 साल के भीतर सात आदिवासी ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं।