बरमकेला विकासखंड अन्तर्गत बहुचर्चित ग्राम पंचायत बिलाईगढ(अ) के उपसरपंच के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव हुआ सफल

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*बरमकेला विकासखंड अन्तर्गत बहुचर्चित ग्राम पंचायत बिलाईगढ(अ) के उपसरपंच के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव हुआ सफल*
* लगभग छः सात माह पहले ही सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था जो विफल रहा था
बरमकेला:- जिले में पहली बार किसी उपसरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और सरपंच सहित पंचों ने सफलता हासिल की। विदित हो कि सारंगढ – बिलाईगढ के बरमकेला ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिलाईगढ(अ) में उपसरपंच डिलेश्वरी पटेल के खिलाफ सरपंच मंजूलता चौहान व नौ पंचों ने सारंगढ़ एसडीएम से शिकायत किया था और उनके रवैए से नाखुश होकर अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई थी जिस पर 31 अक्टूबर को पंचायत भवन बिलाईगढ (अ) मे वोटिंग के जरिए अविश्वास हेतु डाले मतों में उपसरपंच को करारी हार मिली।
                                   अविश्वास प्रस्ताव के लिए सरिया तहसीलदार श्री अर्पण कुर्रे पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले उपस्थित सरपंच व पंच सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में पूछताछ किए और सारे प्रक्रिया की जानकारी दी। उसके बाद वोटिंग के लिए एक एक सदस्य को बुलाया गया। आखिर में नतीजा सामने आया तो उपसरपंच डिलेश्वरी पटेल के पक्ष मे केवल तीन मत मिले थे जबकि उनके खिलाफ में दस मत प्राप्त हुआ था। ऐसे में उपसरपंच को करारी हार का सामना करना पड़ा।                                      *उक्त ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों का कथन…….*  उपसरपंच श्रीमती डिलेश्वरी पटेल ने पद में रहते हुए सारे विकास कार्यों में अड़ंगा डाल रही थी। इससे पंचायत क्षेत्र में काम काज ठप्प था। अब पंचायत को नई दिशा मिलेगी।                     *उक्त ग्राम पंचायत में सचिवों के कारनामें अजब गजब……* आप सभी लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस ग्राम पंचायत में मूलभूत, चौदहवें व पंद्रहवें वित्त की राशि सहीत गौंड खनिज मद की राशि को लेकर एक अनोखा जंग शुरू हो गई थी जिसके तहत आज भी यह मामला सामने साफ दिखाई दे रही है कि इस ग्राम पंचायत में एक ऐसा सरपंच और सचिव रहें जो इन सभी राशियों को आहरित कर जनप्रतिनिधियों सहीत अन्य नेताओं को भी मिठाई बांटी जा सके।                   बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर क्या वजह है कि कुछ महीने पहले सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और अब उपसरपंच के खिलाफ……?, इतनी गंभीर मामला मनगढ़ंत नहीं हो सकता है किन्तु इस ग्राम पंचायत की पूरी आय व्यय की बारीकी जांच कराई गई तो सारा माजरा समझ में आ सकती है……?, तो क्या शासन प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई जांच पड़ताल किए जाने हेतु कोई कमिटी गठित किया जाएगा या अन्य मामलों की तरह इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है…..???

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