आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर(छ.ग.)
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतीय किसान संघ ने सरकार के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। दो वर्ष के बोनस के वादे,धान प्रति एकड़ 20 क्विंटल लेने आदि मुद्दों पर भारतीय किसान संघ का धरना प्रर्दशन चल रहा है। लगभग 18 जिलों से आए किसानों ने अपने अधिकार के लिए सरकार को उसके वादों को याद कराया।
सरकार का दोहरा चरित्र:
भारतीय किसान संघ के जिलों से कार्यकर्ताओ ने सरकार को जमकर कोसा। गरियाबंद के भुनेश्वर साहू ने कहा की सरकार का दोहरा चरित्र है,एक ओर किसानों बोनस देती है और दूसरी ओर गांव-गांव में शराब की बिक्री कराकर किसान की जेब खाली करती है। कुरूद के लालाराम ने खाद की कालाबाजारी,नकली खाद पर सरकार से कहा प्रशाशन में भर्राशाही चल रही है नकली खाद बनाने वालों पर कोई कार्यवाही आज तक नही की गई है।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मिश्र ने अधिकार रैली के मंच से प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार खेतों को पानी दे, सिंचाई के साधनों की व्यवस्था करे।सरकार किसानों की रबी फसल लेने कोई चिंता क्यों नही कर रही है।
बिलासपुर के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने मीडिया से बातचित में कहा कि जिस तरीके छत्तीसगढ़ में लोक लुभावन वादे करके छत्तीसगढ़ के किसानों के दम पर अपनी सरकार बनाई और घोषणा पत्र में जो घोषणा कि थी वो वादे पूरे नही कर रही है।जैसे सरकार ने कहा था कि हम एक एक बीज धान खरीदेंगे लेकिन आज छत्तीसगढ़ के किसानों का मात्र 14 क्विंटल 80 किलो ही धान लिया जा रहा है 15 क्विंटल भी पूरा नही है।साथ ही पूर्ववर्ती सरकार का जो 2 साल का बोनस है उसको देने की बात की थी लेकिन आज 4 वर्ष पूरा होने जा रहा है और सरकार बोनस के नाम पर चुप्पी साधी हुई है।
किसान संघ अगर बोनस की बात करता है तो,हम कहते है बोनस तो सरकार कहती है “कोन अस”
जिन किसानों के दम पर सरकार बनी है आज उन्ही की उपेक्षा हो रही है और सरकार अपने वादों से मुकर रही है।सरकार अगर किसान हितैषी है तो मार्च में जो बजट सत्र चलेगा उसे शामिल करे और किसानों को 2 साल का बोनस दे अन्यथा हमारा जो किसान संघ है वो इनके वादाखिलाफी को लेकर जिले स्तर से लेकर ग्राम स्तर प्रदेश स्तर तक आंदोलन के रुप में जनजागरण कर किसानों के साथ जो वादाखिलाफी किया है उसका आइना हम इन्हें दिखाएंगे।
अधिवेशन में करोड़ों खर्च करने पर कहा:
हाल ही हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में जो करोड़ों रुपए खर्च हुए उसपर बिलासपुर जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि जिस तरीके से वर्तमान सरकार अपनी दलगत राजनीति को चमकाने के लिए अपने नेताओं को खुश करने के लिए जिस तरीके से चापलूसी कर रही थी उसकी परिकाष्ठा यह देखने को मिली कि प्रदेश में आज सड़कों की हालत इतनी दयनीय है और अपने नेता के लिए 2 किलोमीटर तक फूलों की वर्षा करके उस सड़क को फूलों से सजाया गया था ये तो सरकार की चापलूसी और किसानों के पैसे का दुरूपयोग हो रहा है।
घोषणापत्र के वादों को लेकर सिंहदेव को दोषी मानने के सवाल पर कहा: उनकी पार्टी में उन्ही की उपेक्षा
घोषणापत्र को लेकर सिंहदेव को दोषी मानने के सवाल पर जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र ने कहा कि ढाई- ढाई साल की इनमें आपसी समझौते की बातचीत थी कि ढाई साल भूपेश बघेल सरकार चलाएंगे और ढाई साल टी एस सिंहदेव सरकार चलाएंगे लेकिन टी एस सिंहदेव की कहीं कोई भूमिका नही दिख रही है और भूपेश बघेल जी अपनी एकाधिकार पार्टी पर चला रहे हैं।
ढाई साल की बागडोर अगर सिंहदेव को दी जाती तो क्या मांगे पूरी होती के सवाल पर कहा की सिंहदेव की सरासर उपेक्षा की जा रही है:
मिडिया के सवाल पर कि अगर ढाई साल की बागडोर सिंहदेव को दी जाती तो क्या मांगे पूरी हो पाती इसपर धीरेन्द्र दुबे ने कहा की निश्चित रूप से समय समय पर उनकी पीड़ा उनके वक्तव्यों में आया है और सिंहदेव ने इस बात को सार्वजनिक भी किया कि मैने घोषणापत्र तैयार किया था जो पूरा नही हुआ है इसका मुझे खेद है ये बात प्रदर्शित करता है कि सिंहदेव जी की सरासर उपेक्षा की जा रही है।
धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि शायद अगर कहीं सिंहदेव जी मुख्यमंत्री होते तो उन्होंने घोषणा पत्र तैयार किया और गंगाजल की कसम खाकर घोषणा पत्र तैयार कर हम किसानों को विश्वास में लिया था वो गंगाजल का कसम आज झूठा साबित हो रहा है।
धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नही कि जाती और जो वादाखिलाफी हम किसानों के साथ सरकार कर रही है उसको लेकर सड़क की लड़ाई जारी रहेगी, किसानों को जागृत कर हम इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।
देखें भारतीय किसान संघ की मांगे: