
महंगाई बेलगाम.. जनता बोली त्राहिमाम! आखिर कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता?
रायपुरः बढ़ती महंगाई ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतें जहां आम जनता की जेब जला रही है। वहीं रसोई गैस, दाल और खाद्य तेलों के बढ़ते दाम किचन का बजट बिगाड़ रहा है। महंगाई को कम करने के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। बेलगाम होती महंगाई पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत भी तेज है। ऐसे में सवाल है कि कब लगेगी महंगाई पर ब्रेक..? सवाल ये भी कब तक महंगाई की आग में झुलसती रहेगी आम जनता..?
आम जनता को एक बार फिर महंगाई का डबल झटका लगा है। गृहणियों का बजट बिगड़ रहा है तो कारोबारी भी लागत नहीं मिलने से परेशान हैं। कोरोना काल में स्पेशल पैकेज की घोषणा हो या फिर आम बजट में महंगाई कम करने के लिए राहत भरे कदम उठाने की बात केंद्र सरकार के किसी भी कदम का असर महंगाई पर नहीं पड़ा। वहीं आग में घी डालने का काम रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने कर दिया है। जानकार बता रहे हैं आने वाले दिनो में महंगाई और बढ़ेगी
खाद्य तेलों की कीमतों मे बेतहाशा वृद्धि अब लोगों के स्वाद को महंगा कर रहा है। खाद्य तेलों के थोक दामों में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जबकि रिटेल मार्केट में दामों में औसतन 20 से 25 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। केवल खाद्य तेलों की कीमतें ही आसमान नहीं छू रही बल्कि दूध और उससे बने उत्पाद की कीमतें बढ़ गई हैं। सभी ब्रांडेड दूध कंपनियों ने अपने दूध की कीमत 2 से 3 रुपए लीटर कर बढ़ा दी है। दूध के कीमतों में इजाफा से खोवा, पनीर समेत दूसरी वस्तुओं की कीमतों में भी 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है.. आटा-मैदा के दाम भी लगभग 100 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए है। साल भर उपयोग होने वाले आलू-प्याज समेत दूसरी सब्जियों के दामों ने भी किचन के बजट को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गृहणियों के मुताबिक उनका 20 से 30 प्रतिशत तक खर्च बढ़ गया है।
किचन के अलावा रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले FMCG उत्पाद के दाम भी लगभग 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गए है। महंगाई की मार से रिटेल कारोबारी भी परेशान हो गए है। छोटे व्यापारियों के मुताबिक महंगाई से उनका कॉम्पिटीशन बढ़ गया है। कॉम्पिटीशन में बने रहने के लिए मुनाफे में कटौती करनी पड़ी है, जिसकी वजह से लागत निकालने में काफी मुश्किल हो रही है।
पांच राज्यों के चुनावों के कारण करीब 137 दिनों से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर थे लेकिन मंगलवार को पेट्रोल-डीजल के दाम 80 पैसे प्रति लीटर इजाफा हुआ। इतना ही नहीं, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है। छत्तीसगढ़ में अब एक लीटर के लिए 102 रुपए जबकि डीज़ल के लिये 93.18 रुपए देनी होगी। घरेलू गैस सिलेंडर भी अब 971 रुपए के बजाए 1021 रुपए में मिलेगा। बढ़ती महंगाई को लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत हो या फिर रोजमर्रा से जुड़े सामानों के दाम लगातार बढ़ती महंगाई से जनता त्रस्त है। बढ़ती महंगाई के पीछे राजनीतिक दलों के अपने-अपने तर्क और दावे हैं पर सवाल आम जनता का है। उसकी बदहाली का है। उसे राहत मिलने का है। वो कब मिलेगी, कैसे मिलेगी इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।