
रायपुर शहर के ज्यादातर निजी अस्पतालों में आपातकालीन निकास द्वार,स्मोक डिटेक्टर आदि गायब है। कई अस्तपालों में तो अपातकालीन निकास द्वार पर बेड लगा दिए गए है या फिर मशीन रखे हुए है। दरअसल अस्पतालों के फायर आडिट के दौरान प्रशासन की आडिट दल ने यह सब खामियां पाई। अस्पताल प्रबंधन को तत्काल व्यवस्था सुधारने को कहा गया है।
कलेक्टर सौरभ कुमार के आदेश पर गठित संयुक्त प्रशासनिक दल में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों ने शहर के निजी अस्पतालों का फायर आडिट करने का काम तेज कर दिया है। पिछले चार दिनों में शहर के करीब 128 अस्पतालों में से अब तक आधे से भी कम अस्पतालों का फायर आडिट हो पाया है। लिहाजा कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए फायर आडिट दल को जल्द से जल्द फायर आडिट पूरा करने को कहा है।
शुक्रवार को फायर आडिट टीम ने जोन क्रमांक एक में जेठानी हास्पिटल, सौभाग्य हास्पिटल, मातृ स्मृति हास्पिटल, जोन क्रमांक छह के कमला महिला अस्पताल संतोषीनगर, अंजली हास्पिटल पचपेड़ी नाका, संजीवनी हास्पिटल टिकरापारा, नवोदय हास्पिटल मठपुरैना, जोन क्रमांक सात के चौबे कालोनी में सिटी हास्पिटल, डाक्टर जाऊलकर इएनटी हास्पिटल, समता कालोनी स्थित लाइफ वर्थ हास्पिटल, जोन क्रमांक आठ के कोटा के सुयश हास्पिटल,जोन क्रमांक 10 में मेडीशाइन हास्पिटल, नारायणा हास्पिटल सहित जोन तीन, जोन पांच और जोन नौ में संचालित निजी अस्पतालों का फायर आडिट संबंधित जोन कमिश्नर, जिला प्रशासन के अधिकारी, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के अधिकारी, पुलिस थाना के अधिकारियों, फायर विभाग के जवानों की उपस्थिति में किया।
जांच के लिए 17 बिंदु तय
कलेक्टर सौरभ कुमार ने निजी अस्पतालों का फायर आडिट करने के लिए निर्धारित विभिन्न 17 बिंदु तय किए है। इसके आधार पर निजी अस्पताल परिसरों की सघन जांच की जा रही है। नगर निगम क्षेत्र के जिन निजी अस्पतालों का फायर आडिट किया जा चुका है, उन सभी प्रकरणों में नियमानुसार प्रक्रिया के अंतर्गत फायर आडिट की कार्रवाई जल्द पूरा कर इसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर अापात कालीन निकास द्वार, स्मोक डिटेक्टर,अग्निशमन यंत्र समेत अन्य आवश्यक व्यवस्था करने निजी अस्पतालों के प्रबंधकों को निर्देशित किया जायेगा। नगर निगम जोन दस के कमिश्वर दिनेश कोसरिया ने बताया कि फायर आडिट के लिए तय किए गए 17 बिंदुओं के अनुसार ही निजी अस्पतालों की जांच की जा रही है।