
कोरबा छत्तीसगढ़ – कोरबा के मुड़ापार स्थित देसी शराब की पौआ में मकड़ी निकलने का मामला सामने आया है।
मालूम हो कि वर्तमान में राज्य सरकार शासन द्वारा मदिरा विक्रय करने की जिम्मेदारी स्वयं उठाई है जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शासकीय एवं निजी भूमियों पर मदिरा विक्रय केंद्र स्थापित कर कर्मचारियों के माध्यम से शराब बेची जा रही है। शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर एक ही स्थान में अंग्रेजी व देसी मदिरा का विक्रय किया जाता है जहां सरकारी और निजी शराब फैक्ट्रियों में आबकारी विभाग के एडीईओ स्तर के उच्च अधिकारियों की देखरेख में शराब बनाने से लेकर बोतलों में पैकिंग करने की संपूर्ण प्रक्रिया का निर्धारण किया जाता है जहां सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते हैं। सुरक्षा के सारे मापदंडों का पालन करने के बावजूद आज नगर के मुड़ापार स्थित शराब दुकान में एक ग्राहक जब देसी शराब खरीदने गया तो उसे जो शराब की पौआ मिली उसमें मरी हुई मकड़ी मिली जबकि शराब की बोतल में छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के सील लगी पैकिंग भी सुरक्षित चिपकी हुई है। इससे प्रतीत होता है कि आबकारी विभाग में संबंधित क्षेत्र के अधिकारी की घोर लापरवाही भी सामने आई है जिस कारण शराब की पौआ में मकड़ी निकली है।
मामले में प्रश्न उठता है कि जिला आबकारी के उच्च अधिकारी शराब के नाम पर ग्राहकों के जीवन से खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं। शराबी ग्राहक ने बताया कि वह दिन भर मेहनत मजदूरी कर पैसे एकत्रित करता हूं और 80 रूपये जो कि उसके लिए बड़ी रकम है जिससे थकान मिटाने के लिए शराब खरीदकर सेवन करता हूं लेकिन शराब की बोतल में मरी हुई मकड़ी निकलने से जीवन के प्रति भय पैदा हो गया।
देखना यह होगा कि आबकारी विभाग द्वारा भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्या कदम उठाता है।














