‘हसीना’ के काले कारनामे: युवाओं की जिंदगी में घोला ऐसा नशा, देखते-देखते कई हो गए बर्बाद, अब जेल में जिंदगी बिताएगी सट्टा क्वीन

मुरादाबाद में सट्टा क्वीन हसीना को नशीले पदार्थों की तस्करी में अदालत ने दस साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद हसीना को जेल भेज दिया गया।

मझोला थाने में नौ अगस्त 2019 को औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने मुकदमा दर्ज कराया था। तहरीर में कहा गया था कि गोपनीय जानकारी के अनुसार मझोला के मीना नगर जयंतीपुर स्थित एक घर में हसीना नाम की महिला नशीले पदार्थों को बेचती है। इसके बाद पुलिस ने हसीना के घर पर दबिश दी तो वहां से 69 नशे के इंजेक्शन, 480 कैप्सूल, बड़ी मात्रा में चरस व नशे में इस्तेमाल होने वाली कुछ अन्य सामग्री बरामद हुए थे। पुलिस ने हसीना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

 

इस मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस कोर्ट संख्या सात ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत में की गई। विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि आरोपी महिला नशीले पदार्थों की तस्करी करती है। इन पदार्थों के इस्तेमाल से नई पीढ़ी नशे की दलदल में फंस रही है। आरोपी महिला के पास से बड़ी मात्रा में नशे के इंजेक्शन व दवाएं बरामद हुई हैं। आरोपी महिला के खिलाफ अलग-अलग थानों में करीब 24 मुकदमे भी दर्ज हैं।

विशेष लोक अभियोजक ने अदालत से आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की पैरवी की। अदालत ने पक्ष-विपक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपी हसीना को नशे के व्यापार में लिप्त मानते हुए सोमवार को दोषी माना। साथ ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान हसीना को जेल से अदालत में तलब किया गया। अदालत ने उस पर लगे आरोपों में दोष सिद्ध हो जाने के आधार पर दस साल कारावास और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

हसीना ऐसे बनी सट्टा क्वीन

हसीना का भाई बिट्टू एक समय में शहर में सट्टा किंग के रूप में कुख्यात था। उसकी हत्या के बाद सट्टे का धंधा संभाल लेने के कारण हसीना को सट्टा क्वीन कहा जाने लगा था। सट्टे के मामले में भी पुलिस ने एक बार हसीना को जेल भेजा था।

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