हाथियों से 30 हजार से अधिक पौधों के नुकसान की रिपोर्ट पर सवाल! बीट गॉर्ड ने किया जानकारी से इंकार, डिप्टी रेंजर मौन

कुड़ेकेला:-रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में हाथियों की संख्या लगातार अस्थिर बनी हुई है। सरहदी इलाकों से हाथियों के आवाजाही के कारण क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की परिस्थितियां बदलती रहती हैं। ऐसी हालातों में प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को जानमाल का नुकसान भी होता रहता है। बहरहाल, इन सब के बीच हाथियों के बड़े समूहों की मौजूदगी एक ओर दहशत का पर्याय बनती नजर आती है तो दूसरी तरफ हाथियों की उपस्थिति की आड़ में बहुत ही आश्चर्यजनक घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं, विभागीय आंकड़ों के विपरीत संबंधित मैदानी कर्मचारी द्वारा ऐसे आंकड़े जारी होने को लेकर उसमें खुद की संलिप्तता से इंकार किया गया है। जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। जिसमें छाल रेंज के मुनुन्द नर्सरी में बीती रात 20 हाथियों का एक दल घुस गया और वहां रखे पौधों व अन्य सामानों को नुकसान पहुंचाया है। इस मामले में हैरानी वाली बात यह है कि विभागीय रिपोर्ट में नुकसान हुए पौधों की संख्या 30 हजार से अधिक बताई गई है। इस रिपोर्ट के बारे में नर्सरी में काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अधिक से अधिक 8-10 हजार पौधों को नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नर्सरी में कुल मिलाकर भी 30 हजार पौधे नहीं हैं। उधर, क्षेत्र के एक दूसरे जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि उनकी जानकारी के बिना यह रिपोर्ट भेजी गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में नर्सरी में इतनी बड़ी संख्या में पौधे नहीं हैं। इस पूरे मामले पर संबंधित नर्सरी प्रभारी सोहन राठिया से बार बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनकी ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई। रिपोर्ट के बारे में पूछे गए सवाल का डिप्टी रेंजर ने कोई जवाब नहीं दिया है।वहीं पखवाड़े भर से नर्सरी की ओर रुख तक नहीं करना व मुख्यालय से कई कई दिनों तक नदारत रहने के बाद भी इनपर उच्च अधिकारियों का मेहरबानी समझ से परे साबित हो रहा है। बता दें इससे पूर्व लकड़ी से लोड पिकअप के पकड़ेजाने से लेकर विभागीय कार्यवाही होने तक नदारत रहने के अलाव अपने मुख्यालय से पखवाड़े तक गायब रहने के बावजूद बतौर अपना ड्यूटी समय पर बजा रहे हैं।
फिर हाल वन विभाग के नर्सरी में 30 हजार से अधिक पौधों को नुकसान पहुंचाने की रिपोर्ट विवादों के घेरे में है।

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