
*सरपंच संघ के आरोप पर भड़के जिलेभर के पत्रकार*
*एसपी दफ्तर पहुंचे पत्रकार, कहा — झूठे आरोप लगाकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बदनाम करने की कोशिश*
बेमेतरा |नवागढ़ जनपद पंचायत सरपंच संघ द्वारा पत्रकारों पर लगाए गए आरोपों ने जिलेभर में व्यापक आक्रोश है। आरोपों को लेकर मंगलवार को जिलेभर के पत्रकारों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली। सैकड़ों पत्रकार बेमेतरा मुख्यालय में एकजुट होकर एसपी कार्यालय पहुंचे और सरपंच संघ के आरोपों को बेबुनियाद, निराधार और राजनीतिक साजिश बताया।
दरअसल 07 नवंबर को नवागढ़ जनपद पंचायत सरपंच संघ ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में पत्रकारों पर विज्ञापन के नाम पर अवैध वसूली, धमकी-चमकी करने और सूचना के अधिकार का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। इतना ही नहीं, कुछ पत्रकारों के नामों का उल्लेख कर उनकी छवि धूमिल करने की बात भी कही गई थी।
इन आरोपों को लेकर जिलेभर के पत्रकारों में आक्रोश फैल गया। मंगलवार को हुई बैठक में पत्रकारों ने सरपंच संघ से मांग किया कि यदि उनके पास इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य हैं, तो वे सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करें। अन्यथा, झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पत्रकार संगठनों की एकजुटता — दो घंटे चली अहम बैठक
एसपी कार्यालय पहुंचने से पहले पत्रकारों की बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में जिले के सभी पत्रकार संघों के प्रतिनिधि एक मंच पर आए और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि झूठे आरोप लगाने वालों और उनके नेतृत्वकर्ताओं के खिलाफ पत्रकार समुदाय जिला से लेकर राजधानी तक लोकतांत्रिक संघर्ष करेगा।
*एक मंच पर आए जिले के पत्रकार*
बेमेतरा जिले के इतिहास में पहली बार सभी पत्रकार संगठन एक मंच पर एकजुट हुए। सभी ने एक स्वर में सरपंच संघ के आरोपों को बेबुनियाद, झूठे और साख गिराने की कोशिश बताया। पत्रकारों ने स्पष्ट कहा कि वे जनहित और पारदर्शिता के लिए खड़े रहेंगे, चाहे कितनी भी बाधाएँ क्यों न आएं।
*पत्रकार नेताओं के तीखे बयान*
दिनेश दुबे, अध्यक्ष सिटी प्रेस क्लब बेमेतरा ने कहा कि पत्रकारिता जनहित और पारदर्शिता की आवाज़ है। इस पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने की कोशिश है। हम सब मिलकर इस साजिश का जवाब देंगे।
जितेन्द्र शुक्ला, जिलाध्यक्ष श्रमजीवी पत्रकार संघ ने कहा कि यदि सरपंच संघ के पास कोई प्रमाण हैं, तो वे सार्वजनिक करें। निराधार आरोपों से पत्रकारों की साख धूमिल करने का प्रयास अस्वीकार्य है।
महेश दुबे, वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि सूचना का अधिकार किसी की छवि बिगाड़ने के लिए नहीं, बल्कि जनता को सच्चाई बताने के लिए लगाया जाता है। यदि जनप्रतिनिधि इससे भयभीत हैं, तो यह साफ संकेत है कि कहीं न कहीं गड़बड़ी है। पत्रकार सवाल पूछते हैं, जवाब से डरना लोकतंत्र की सेहत के लिए खतरनाक है।
वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा ने कहा किपत्रकारों पर लगाए गए आरोप न सिर्फ मनगढ़ंत हैं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर चोट हैं। बेमेतरा जिले के पत्रकारों ने यह साबित कर दिया है कि सच्चाई के लिए जब हम एकजुट होते हैं, तो कोई ताकत हमें झुका नहीं सकती।आज पूरा मीडिया समुदाय एक मंच पर खड़ा है — यह केवल पत्रकारों की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की एकजुटता की तस्वीर है।
हम सब मिलकर इन झूठे आरोपों का डटकर सामना करेंगे और सच्चाई की लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रखेंगे।
*पत्रकारों की चेतावनी — जिला से राजधानी तक होगी लड़ाई
पत्रकारों ने सर्वसम्मति से कहा कि वे किसी भी झूठे आरोप के सामने झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा जल्द ही निष्पक्ष जांच कर सच्चाई उजागर नहीं की गई, तो पत्रकार समुदाय जिला से लेकर राजधानी तक आंदोलन करेगा। इस दौरान किशोर तिवारी दिनेश दुबे, पप्पू रवानी, शरद वाजपेई, अनिल त्रिपाठी, सुजीत शर्मा, नरेंद्र शर्मा, राहुल साहू, सूरज सिंहा, दिलीप साहू, गौकरण यदु, कोमल राजपूत, योगेश राजपूत सहित जिलेभर के पत्रकार उपस्थित रहे।















