छत्तीसगढ़ रायगढ़ /जशपुर : जैसे ही नंद कुमार साय के द्वारा कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा की बात सामने आई उसके बाद बाद सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के अफवाहो का बाजार गर्म हो गया है और एक से बढ़कर एक राजनीति ज्योतिष उत्पन्न हो गए कोई बोर्ड आफ डायरेक्टर के अध्यक्ष बताने लगा तो कोई सरकारी महकमा में उच्च स्तरीय सचिव मानने लगा जबकि कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में अभी तक प्रवेश नहीं किए हैं।
विदित हो कि विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले भाजपा के कद्दावर नेता नदकुमार साय ने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस प्रवेश कर लिया था लेकिन ज्यादा दिन तक कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं कर पाए और कांग्रेस का साथ छोड़ दिया सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि प्रदेश कांग्रेस के दो कद्दावर नेता के द्वारा मान मनवल की भी कोशिश की गई लेकिन नंदकुमार साय ने आखिरकार कांग्रेस से नाता तोड़ दिया।
क्या है इस्तीफा का वजह : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के द्वारा नंदकुमार साय को जो मीठी-मीठी बातें कर और कांग्रेस में पूछ प्रख की बातें करके लाया गया था लेकिन विधानसभा चुनाव के समय जशपुर जिले या किसी अन्य जगह से उनका टिकट भी नहीं दिया गया और कांग्रेस के तरफ से उन्हें किनारा करने की कोशिश की गई यह भी एक कारण नंदकुमार सहाय की इस्तीफा का हो सकता है ।
इस दिन ही मन बना लिया था इस्तीफाई का : सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय के राजनीतिक गुरु नंदकुमार साय ही है और नंदकुमार साय ही विष्णु देव साय को राजनीति में लेकर आए थे और रिश्तेदारी की बात करें तो रिश्ते में चाचा भतीजा भी लगते हैं जैसे ही प्रदेश के मुखिया के रूप में विष्णु देव साय का नाम सामने आया तो नंद कुमार साय पहुना के रूप में रायपुर मिलने गए थे वहीं पर चाचा भतीजे में कुछ राजनीति चर्चाएं जरूर हुई होगी और नंदकुमार साय कांग्रेस के अनदेखी से खफा होने की वजह से कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया होगा हालांकि आपकी आवाज के पास इन सारी बातों का राजनीती या फिर आधिकारिक पुष्टि नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि नद कुमार साय ने अभी तक बीजेपी प्रवेश नहीं किया है और राजनीति के ज्योतिष पहले से ही पदनाम देने की कोशिश करते जा रहे हैं।