रात में थिठुरन से बचने अलाव का सहारा।
बिलासपुर में पिछले 5 दिनों से ठंड का कहर जारी है। रात में ओस की वजह से कोहरा छाने लगा है। इस बीच सोमवार को तापमान 14.4 डिग्री रहा, जो दूसरे दिनों की अपेक्षा अधिक है, फिर भी ठंड में कमी नहीं आई है।
ऐसे में रेलवे स्टेशन सहित फुटपाथ पर बेसहारा वर्ग के लोग खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में रात बिताने के लिए मजबूर हैं। नगर निगम ने उनके लिए अलाव का भी इंतजाम नहीं किया है।
न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी के मौसम में ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस तक आ चुका है। वहीं शहर में पारा 14 डिग्री के आसपास बना हुआ है। सबसे कम 23 नवंबर को पारा 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
इस सीजन का सबसे कम तापमान था। ऐसे में वसंत विहार और रेलवे परिक्षेत्र में ठंड अधिक महसूस होती है। यहां शहर की तुलना में तापमान दो से तीन डिग्री कम महसूस होता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जहां अधिक पेड़ पौधे होते हैं, वहां ठंड अधिक पड़ती है।
लोगों की बदली दिनचर्या
ठंड अधिक होने के साथ ही अब लोगों की दिनचर्या बदल गई है। सुबह देर तक बिस्तर में छिपे रहना और धूप निकलने का इंतजार लोगों के आदतों में शुमार होने लगा है। वहीं, रात में अलाव जलाकर ठंड से बचने का तरीका अपना रहे हैं। घरों में रूम हीटर का भी सहारा लिया जा रहा है।
स्कूली बच्चों को कड़कड़ाती ठंड के बीच स्कूल जाना पड़ रहा है। हालांकि, अभी प्रशासन ने भी स्कूल के समय में बदलाव नहीं किया है। तापमान में ज्यादा गिरावट होने पर व्यवस्था में बदलाव होने की बात कही जा रही है।
खुले आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी
शहर के सार्वजनिक जगहों के साथ ही चौक-चौराहों और फुटपाथ पर रात गुजारने वालों को खासी परेशानी हो रही है। रेलवे स्टेशन सहित आसपास के इलाकों में कड़ाके की ठंड में लोग खुले आसमान के नीचे गिरते ओस में सोने के लिए मजबूर हैं। प्रशासन की तरफ से उनके लिए अब तक अलाव का भी इंतजाम नहीं किया गया है।