मंहगाई की मार से परेशान कर्मचारी आंदोलन की राह पर

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों मंहगाई अपने चरम पर है। हर वस्तु मंहगी होती जा रही है। प्रदेश के कर्मचारी, अधिकारियों पर मंहगाई की मार अधिक है। मासिक बजट भी बिगड रहा है। केंद्र सरकार तथा अन्य राज्य की सरकारों ने अपने कर्मचारियों को केन्द्र के समान 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दे रही है। वंही,  छत्तीसगढ़ की सरकार   17 प्रतिशत तक ही मंहगाई भत्ता कर्मचारियों को दे रही है। एक प्रकार से देखा जाए तो अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता आधा ही मिल रहा है। महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। वर्षों से गृह भाडा भत्ता पुनरीक्षण नही हुआ है।
 वही, दो सुत्रिय मांगो को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी, अधिकारी महासंघ तीन दिनों की हडताल की तैयारी मे जुट गया है।11 से 13 अप्रैल तक कर्मचारी अधिकारी तीन दिवस तक सामूहिक अवकाश लेंगे। जिसके पश्चात राजधानी रायपुर सहित जिला मुख्यालय मे धरना प्रदर्शन करेंगे। 30 से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठनों ने मिलकर मंहगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा का गठन किया है। मोर्चा के संयोजक अनिल शुक्ला महासंघ के प्रवक्ता संजयतिवारी, व अन्य अध्यक्षो ने सामुहिक अवकाश लेने फार्म भरवाने का अनुरोध किया है।महासंघ के प्रवक्ता संजय तिवारी जिलाध्यक्ष शत्रुहन यादव, शिक्षक कांग्रेस के सुनील तिवारी लिपिक संध अध्यक्ष संतोष बैष्णव प्रधानपाठक दीलचंद तिवारी, गणेश बघेल प्रहलाद साहू, चूडामणी वर्मा,  छवीश्याम वर्मा, धरमसिग ध्रुव.प्रेमसिंग शिक्षक ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, अरविंद मिश्रा, भीजराम ध्रुव, अरुण साहू, सुशील सोनवानी,  गिरधर कोशले,  मनोज साहू, अमृत लाल कुर्रे,  रामावतार कुर्रे, हेमंत साहू, रवि पटेल, महेन्द्र साय, संतोष कश्यप, शिक्षिका संगीता पटेल ममता पांडेय,  शालिनी बाजपेई, प्रभा ध्रुव ने छत्तीसगढ़ शासन से कर्मचारी हित मे 17 प्रतिशत मंहगाई भत्ता व गृहभाडा पुनरीक्षण अविलंब करने की मांग की। छ.ग.अधिकारी कर्मचारी महासंघ के आंदोलन से शासकीय कार्यालयो, शालाओं मे तालाबंदी की स्थिति नजर आ रही है।

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