मिशन कोरोना , ने केंद्र के सामने कुछ मांगें रखी , दिए कुछ सुझाव…पढ़िए पूरी खबर

  1. रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मौजूदा स्थिति की समीक्षा की वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई। ये बैठक ऐसे वक्त पर हुई जब देश के ज्यादातर राज्यों में अस्पताल में बिस्तरों की, आवश्यक इंजेक्शन की, ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर भारी दिक्कतें हैं। ऐसे वक्त में जब देश में वैक्सिनेशन का अगला चरण 1 मई से शुरू होना है, जिसमें 18+ के लोगों को टीका लगाया जाना है। तब छत्तीसगढ़ ने केंद्र के सामने कुछ मांगें रखी हैं, कुछ सुझाव दिए हैं। देश में दिनों-दिन घातक होते कोरोना वायरस को देखते हुए पीएम मोदी ने उन 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की जिन राज्यों में महामारी से सबसे बुरे हालात हैं। इस बैठक में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक,तमिलनाडु, केरल के मुख्यमंत्री शामिल हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अस्पतालों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ऑक्सीजन टैंकर्स की आवाजाही के लिए रेलवे और एयरफोर्स को तैनात किया गया है, उन्होंने राज्यों से सख्ती का आग्रह करते हुए कहा कि आवश्यक दवाइयों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर कड़ाई होनी चाहिए। इधर, सीरम इंटीट्यूट की ओर केंद्र, राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें जारी करने के बाद से इस पर बहस और विवाद की स्थिति है। आज प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर ये मांग दोहराई कि केंद्र और राज्यों को समान दर पर वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश ने पीएम मोदी को जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए आठ नई औद्योगिक इकाइयों को लाइसेंस जारी किए हैं। प्रदेश में कुल 29 यूनिट्स हैं जो मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही हैं। राज्य की जरूरत की पूर्ति के साथ-साथ दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन दी जा रही है। वहीं, बीजेपी ने सीएम के सुझाव का समर्थन तो किया लेकिन साथ ही कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया। बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने कहा की सीएम एक तरफ श्रेय लेने की होड़ में रहते हैं तो दूसरी तरफ केंद्र की मदद के भरोसे रहकर उन्हीं पर आरोप लगाते हैं । वैसे, ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के अन्य राज्यों ने भी एक देश -एक टैक्स के दौर में इस घोर संकट के समय कंपनीज के केंद्र और राज्यों को अलग-अलग दर पर वैक्सीन देने पर सवाल उठाए हैं। जरूरत है साथ मिलकर काम करने की लेकिन कई व्यवहारिक मुद्दों और मांगों को लेकर केंद्र से आमने-सामने जैसे हालात भी बनते रहे हैं इन सब से इतर प्रदेशवासियों को इंतजार है राहत का जरूरी संसाधनों का इंजेक्शन का वैक्सीन का।

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