नए वेरिएंट के चलते क्या भारत में फिर लगेगा लॉकडाउन…जानिए

नई दिल्ली: एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने लगा है। यूरोप के कई देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हैं। सख्त प्रतिबंध हैं, होटल्स बंद हैं, बाजार सूने पड़े हैं, क्रिसमस के उत्साह पर लॉकडाउन के बादल मंडरा रहे हैं। एक​ रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में हुई तेज बढ़ोतरी को रोकने के लिए कहीं प्रतिबंध सख्त किए गए हैं तो कहीं लॉकडाउन लागू है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में बार बंद हैं, वहीं दूसरी तरफ जर्मनी के म्यूनिख शहर में क्रिसमस बाजार सूने पड़े हैं। इस बीच ब्रिटेन की राजधानी लंदन में स्थिति अपेक्षाकृत बहुत बेहतर हैं। यूरोप में बढ़ते प्रतिबंधों के बीच भारत में भी लोग कोरोना की अगली लहर की आशंका से चिंतित हैं। वही काफी सारे व्यक्तियों के मन में यह प्रश्न है कि कहीं एक बार फिर से कोरोना की नई लहर तो नहीं आ जाएगी तथा लॉकडाउन जैसे हालात उत्पन्न हो जाएंगे? इन संभावनाओं पर चर्चा करने से पहले यूरोप का हाल जान लेते हैं।

नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया का हाल बुरा:-
हालांकि महामारी के चलते ऐसा पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन में स्थिति पड़ोसी देशों से अलग हों, मगर इस बार लोग पहले की भांति घबराए हुए नहीं नजर आ रहे हैं। ब्रिटेन में अब तक तीन बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया जा चुका है तथा यूरोप में कोरोना से रूस के पश्चात् ब्रिटेन में ही सबसे ज्यादा लगभग 1,45,000 व्यक्तियों की मौत हुई है। दूसरी तरफ नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया तथा चेक गणराज्य सहित कई देशों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के चलते हॉस्पिटलों को संघर्ष करते देखा जा रहा है। मामलों में बढ़ोतरी की वजह से इन देशों में लॉकडाउन और प्रतिबंध लागू किए गए हैं।

वही बात यदि भारत की की जाए तो भारत में ताजा आंकड़ें देखें तो 26 नवंबर की शाम तक देश में कोरोना के कुल 1.10 लाख (1,10,133) सक्रीय मामले हैं। इनमें से लगभग 9 हजार (8,944) मामले सीरियस हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो ब्रिटेन, रूस, जर्मनी, ब्राजील की तुलना में भारत में कोरोना के मामले बेहद ही कम हैं। अमेरिका के मुकाबले तो भारत में कोरोना के सक्रीय मामले बहुत ही मामूली हैं। देश में टीकाकरण की रफ्तार भी बहुत तेज हुई है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक कुल 1,20,27,03,659 डोज दी जा चुकी हैं। इनमें 77,64,92,810 लोग सिंगल डोज ले चुके हैं, जबकि 2,62,10,849 व्यक्तियों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। ये आंकड़े 26 नवंबर प्रातः 7 बजे तक के हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो देश में टीके के लिए पात्र आबादी का एक बड़ा भाग वैक्‍सीनेट हो चुका है। ऐसे में बेहद चिंता की बात नहीं है। इसके बाद भी विशेषज्ञ निरंतर कोविड प्रोटोकॉल अपनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।

वही भारत सरकार ने फिलहाल लॉकडाउन या प्रतिबंधों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है तथा न ही ऐसे कोई दिशा-निर्देश जारी किए है। हालांकि सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं को लेकर सतर्क अवश्य किया है। विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की यात्रा को लेकर। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। आकाशवाणी के एक साक्षात्कार प्रोग्राम में पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट के हेल्थ एक्सपर्ट डॉ संजीव सक्सेना ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ट्रैवल खुल रहा है तो नए वेरिएंट को लेकर सतर्क रहना चाहिए। ये वेरिएंट टीकाकरण के पश्चात् लोगों के ऊपर कम प्रभाव करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button