
अम्बेडकर अस्पताल में हुआ जटिल ऑपरेशन : 55 वर्षीय महिला के एओर्टिक वाल्व का सफल प्रत्यारोपण
रायपुर। आमतौर पर सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों में आम धारणा है कि यहां पर वे ही मरीज ऑपरेशन या इलाज के लिए आते हैं, जिनकी माली हालत कमजोर होती है। या फिर कोई ऐसा जटिल केस, जिसका इलाज निजी चिकित्सा संस्थानों में संभव नहीं है। या फिर निजी अस्पताल में इलाज कराते-कराते आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई हो, परंतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के एसीआई का हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग लोगों की इस धारणा को बदलने में लगा है। पिछले कुछ महीनों में जब से यहां ओपन हार्ट सर्जरी शुरू हुई है, तब से दिनों दिन इस संस्थान के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ रहा है। इसका ताजा प्रमाण हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में हाल ही में हुए सफल एओर्टिक वाल्व प्रत्यारोपण का केस है। इसमें समाज के संपन्न वर्ग से आते हुए भी मरीज के परिजनों ने ओपन हार्ट सर्जरी के लिए प्रदेश के शासकीय चिकित्सा संस्थान एसीआई का चयन किया।
मरीज के परिवारवालों के मुताबिक, यदि वे चाहते तो मरीज का इलाज देश के किसी भी बड़े अस्पताल या मेट्रो सिटी के अन्य अस्पतालों में करा सकते थे, परंतु अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टरों का हॉस्पिटल के प्रति समर्पण और यहां के बेहतर परिणाम को देखते हुए उन्होंने अपने मरीज का ऑपरेशन सरकारी संस्थान में कराया। मरीज की बेटी और दामाद दोनों राज्य शासन के पुलिस विभाग में डीएसपी के पद पर पदस्थ हैं तथा मरीज के पति शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं। भिलाई निवासी 55 वर्षीय महिला विगत 3 साल से सांस फूलने, छाती में दर्द एवं तेज धड़कन से परेशान थी। महिला की बीमारी का पता अन्य जगहों पर हुए जांच से चल चुका था कि उसके एओर्टिक वाल्व में जन्मजात खराबी है, जिसको बाइकस्पिड एओर्टिक वाल्व कहते हैं। जो कि सौ में से एक व्यक्ति को हो सकता है। स्थानीय डॉक्टरों ने इनको ओपन हार्ट सर्जरी वाल्व प्रत्यारोपण की सलाह दी। सलाह के बाद मरीज एवं परिजनों ने दक्षिण भारत के सबसे ख्याति प्राप्त अस्पताल सीएमसी वेल्लोर एवं हैदराबाद के बड़े अस्पताल में भी ऑपरेशन के लिए गये। परंतु मन में इतना ज्यादा डर था कि हर बार वापस आ जाते थे। इसी बीच इन्हें मीडिया के माध्यम से यह पता चला कि अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग में ओपन हार्ट सर्जरी हो रही है। जहां पर जटिल से जटिलतम ऑपरेशन हो रहे हैं और परिणाम अच्छे हैं। इसी सकारात्मक सोच के साथ मरीज के परिवार वाले डॉ. कृष्णकांत साहू से कार्डियक सर्जरी के ओपीडी में मिले। डॉक्टर के द्वारा बीमारी की गंभीरता एवं इसके उपचार के परिणाम को अच्छे से समझाने पर इस संस्थान में ऑपरेशन के लिए राजी हो गए और आज मरीज ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद डिस्चार्ज होकर घर चली गई।