
इस मासूम का शव देख रो पड़े पुलिस अधिकारी…..पढ़िए क्या है मामला
आज हम आपको उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की उस घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बाद पूरे जिले में सनसनी फैल गई थी। यहां बदमाशों ने एक बच्चे का अपहरण कर उसे मौत के घाट उतारने के लिए सारी हदें पार कर दी थीं। बच्चे का शव देखकर परिवार के साथ-साथ अधिकारियों के भी आंसू नहीं थम रहे थे। इस अपहरण और हत्या के आरोपी अजय गुप्ता पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की संस्तुति हो गई है। हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने इसे मंजूरी देते हुए गृह विभाग के सचिव को निर्देश भेज दिया है।
घटना 26 जुलाई 2020 की है। गोरखपुर जिले के पिपराइच थाना क्षेत्र के महाजन गुप्ता का 14 साल का बेटा बलराम घर के बाहर दोस्तों के साथ खेलने निकला था और वापस नहीं लौटा। दोपहर तीन बजे पिता महाजन के मोबाइल पर एक फोन आया जो अपहरणकर्ता का था। उसने उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने को कहा। रकम कब और कहां पहुंचानी है, इस बारे में बताया जाएगा।
महाजन को अपने बेटे के अपहरण की बात पर भरोसा नहीं हुआ, उन्होंने अपने बेटे की गांव में तलाश की। लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद शाम पांच बजे पुलिस को सूचना दी गई थी। गुलरिहा, पिपराइच, सीओ चौरी चौरा, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीम ने गांव पहुंचकर लोगों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया।
रात नौ बजे थे, जब आखिरी बार अपहरणकर्ताओं का फोन आया और बलराम के पिता महाजन ने बीस लाख रुपये देने की हामी भी भर दी थी। मगर, तब तक अपहरण करने वालों को संदेह हो गया था कि वे पकड़े जाएंगे। इसी वजह से उसने बलराम को मौत के घाट उतार दिया था। बता दें कि बलराम के अपहरण और हत्या में बदमाशों ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं।
हत्या से पहले बलराम को यातना दी गई थीं। दोनों हाथ पीछे उठाकर तोड़ दिए गए थे। गर्दन भी टूटी थी। सिर को निर्ममता से कूंचा गया था। हत्या के बाद शव सीमेंट की बोरी में ठूंस दिया था। बोरी में डालने से पहले पैर को जोर देकर मोड़ा गया था। बलराम के अपहरण और हत्या में उसके गांव के आसपास के ही लोग शामिल थे। इसमें हसनगंज जंगलधूसड़ का एक मोबाइल विक्रेता भी शामिल था। मोबाइल विक्रेता ने ही फर्जी नाम, पते पर सिम दिया था।