
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के माध्यम से दूरस्थ अंचल के मेघावी बच्चों को दी जा रही है शिक्षा, बच्चें आवासीय परिसर में रहकर कर रहें हैं पढ़ाई
जशपुरनगर 29 सितम्बर 2021/जशपुर जिले में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के माध्यम से वनांचल के बच्चों को शिक्षा से निरंतर जोड़ा जा रहा है। बच्चे आवासीय परिसर में रहकर ही पढ़ाई कर रहें हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें शिक्षा के साथ अन्य सुविधा भी उपलब्ध करा रही हैं। ताकि दूरस्थ अंचल के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपनी मंजिल तक पहुच सके।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा जिले में 04 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का संचालन भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गठित छत्तीसगढ़ जिला स्तरीय आदिम जाति कल्याण एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति द्वारा किया जा रहा है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की स्थापना अनुसूचित जनजाति के बालक-बालिकाओं के लिए आवासीय शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने, अध्ययनरत बालक-बालिकाओं के शैक्षणिक, मानसिक, शारीरिक तथा सांस्कृतिक तथा नैत्तिक विकास की गतिविधियों के साथ-साथ गुणवत्तापूर्वक शिक्षा उपलब्ध कराते हुए विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा जागृत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने करने के उद्देश्य से की गई है।
वर्ष 2019 से संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय घोलेंग विकास खण्ड जशपुर, वर्ष 2020 से संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय ढुढरूडांड़ विकास खण्ड कांसाबेल, एवं सुखरापारा विकास खण्ड पत्थलगाँव का संचालन किया जा रहा है। इनमें प्रत्येक कक्षा में 30 बालक एवं 30 बालिका सीट स्वीकृत है, जिसमें से 03 संस्थाओं में स्वीकृत सीट के आधार पर कुल 90 बालक एवं 90 बालिका प्रवेशित है।