
कलेक्टर ने उत्कृष्ठ कार्य करने वाले बीसी सखी और डीजी पे दीदीयों को किया सम्मानित…..
जिला पंचायत में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं सम्मेलन का किया गया आयोजन, 2020-21 में बीसी सखी द्वारा 32 करोड़ 83 लाख के लेन देन की सेवाएं पहंुचविहीन क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचाई गई, बीसी सखी दीदी कौशल्या विश्वकर्मा और सरिता ने कहा कि मरनेगा, वृद्धा पेंशन की राशि देने लोगो तक जाते हैं तो खुशी के साथ आर्शिवाद मिलता है जिसका कोई मोल नहीं है
जशपुरनगर 24 जुलाई 2021/जिला पंचायत के सभागार में आज राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तत्वाधान में बीसी सखी एवं डीजीपे का एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले बीसी सखी एवं डीजीपे के दीदीयों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। और अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए दूरस्थ अंचल के लोगों तक पेंशन, मनरेगा एवं अन्य राशियों का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक श्री विजय शरण प्रसाद, सीएससी के प्रबंधक श्री विश्वजी पण्डा, बीसी सखी की दीदीयां उपस्थित थी। 01 अप्रैल 2021 से 20 जुलाई 2021 तक बीसीसखी एवं डीजीपे के दीदीयों ने 9 करोड़ 85 लाख का लेन-देन किया गया है। इसी प्रकार अब बीसीसखी एवं डीजीपे के दीदीयों ने 32 करोड़ 83 लाख का लेन-देन किया है।
कलेक्टर ने अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाए देते हुए कहा कि आप लोग कार्य को देखकर बेहद खुशी हो रही है। बीसी सखियों से दूरस्थ अंचल के क्षेत्रों के लोगों तक लेन-देन की सुविधा बेहतर तरीके से पहुंचाई रही है। एक प्रकार से चलता फिरता बैंक कि तरह कार्य कर रही हैं। इसका सार्थक लाभ लोगों को मिल रहा है, वे लोग बैक तक नहीं जा सकते उन लोगों तक आप राशि पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि जशपुर जिले में इसकी विशेष आवश्यकता है। इसका एक लाभ और भी है कि लोगों को बैंकों और एटीएम में लाईन लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है और उनका काम सरल तरीके से हो जाता है। उन्होंने ने कहा कि बीसी सखी दीदीयाॅ ग्रामीण के क्षेत्र लोगो कोे भली-भांति जानती हैं और एक दूसरे से परिचित रहते हैं। संबंधित गांव के निवासी होने के कारण बीसी सखी डीजी पे की दीदीयों को गांव के लोग विश्वास भी करते है और लेन देन करने में आसानी होती है और उनका विश्वास भी आप लोगों के प्रति ज्यादा होता है।
उन्होंने कहा कि डीजी पे के माध्यम से दीदीयां आय-जाति, निवास, आधार कार्ड, पेन कार्ड का भी कार्य कर रही है यह जानकर बेहद ही खुशी हुई उन्होंने और भी लोगों को बीसी सखी के इस कार्य में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि गांव के लोगों को शहरों तक आने की आवश्यकता न पड़े। आज का जमाना टेक्नोलाॅजी का जमाना है। इसकी जानकारी होने से लोगों को कार्य करने में आसानी होती है।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के. एस.मण्डावी ने बीसी सखियों को अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीसी सखी द्वारा पहुंच विहीन क्षेत्रों के लोगों तक सेवाएं दी जा रही हैं। मजदूरी, पेंशन, भुगतान में बीसी सखी के द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि और अधिक लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचाएं ताकि इसका लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सके। कोरोना संक्रमण के दौरान भी बीसीसखी के द्वारा कोरोना के मापदण्डों का पालन करते हुए लोगों तक राशि पहुंचाने का कार्य किया गया है। एक दिवसीय प्रशिक्षण में कांसाबेल विकासखंड की बीसी सखी दीदी कौशल्या विश्वकर्मा ने अपनी अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज उन्होंने 6 करोड़ से अधिक का लेन देन करके अच्छा मुनाफा उन्हें मिला है। इसके लिए उन्होंने प्रसन्न्ता जाहिर की। पत्थलगांव विकासखंड के बीसी सखी सरिता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे दुरस्थ अंचल के गांव तक पहुंचकर दिव्यांगजनों, वृद्धजन और मनरेगा के मजदूरों को पाॅस मशीन से उनके राशि का भुगतान घर जाकर करती है। उन्हें बहुत खुशी मिलती है। घर जाकर पैसा देने से बड़े बुजूर्ग, दिव्यांगजनों का आर्शीवाद मिलता है जिससे बेहद खुशी मिलती है और इसका कोई मोल नहीं है। उन्होंने कहा कि 01 मई 2020 से लगभग 2 करोड़ 75 लाख के लेन देन का कार्य कर चुकी है इसके साथ ही वे आधार लिंक, आय-जाति निवास, जीवन बीमा राशि और पेंशन का भी भुगतान बेहद अच्छे से कर ले रही है।
कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने डीजी पे संचालित करने वाली दीदीयों को सम्मानित किया। इनमें शशिकांता टोप्पो, जुगुर्मनी बेग, सन्मति मांझी, मलिना तिग्गा शामिल है। साथ ही बीसी सखी संचालित करने वाली दीदीयों को भी सम्मानित किया गया है। जिसमें बेबी गुप्ता, जीनत प्रवीन, कौशल्या विश्वकर्मा, सरिता गुप्ता शामिल है। साथ ही इस अवसर पर बायोमेट्रिक डिवाइस का भी वितरण किया गया। जिसमें कमिल कुजूर, मुक्ति कुजूर, रीमा बाई, आरती सन, राबिया अंसारी, मेनका बेसरा, नीता यादव, पूनम कुजूर, मनीषा भगत, आराधना मिंज, पूजा बाई, रीना साहू, फूलमती यादव, सविता महंत, जसिंता टोप्पो, सीमा यादव, लक्ष्मी बाई, आनंदम कुजूर, सुगरी पैंकरा, इमीरीनिका टोप्पो शामिल हैं।