कोरोना ख़तरों के बीच स्वाइन फ्लू ने दी छत्तीसगढ़ में दस्तक, इन जिलों में मिले स्वाइन फ्लू के मरीज

रायपुर के साथ रायगढ़, धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं. रायपुर में 4, रायगढ़ से 2 मामले सामने आए और बाकि जिलों में 1-1 मरीज मिले हैं

Chhattisgarh Swine Flu News: छत्तीसगढ़ में कोरोना के खतरे के बीच अब स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है. राजधानी रायपुर (Raipur) सहित 7 जिलों में स्वाइन फ्लू (swine flu) के 11 मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग (Chhattisgarh health department) अलर्ट मोड पर आ गया है. सभी 11 मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार शाम साढ़े चार बजे आपात बैठक बुलाई है. बैठक में स्वाइन फ्लू से बचाव पर चर्चा की जाएगी.

रायपुर समेत इन जिलों में मामले
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सात जिलों में 11 स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. राजधानी रायपुर के साथ रायगढ़, धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं. स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रायपुर में मिले हैं. रायपुर में चार, रायगढ़ से दो मामले सामने आए और बाकि जिलों में एक-एक मरीज मिलने की पुष्टि हुई है.

स्वास्थ विभाग करेगा बैठक
महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि आज शाम साढ़े चार बजे सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक होगी जिसमें स्वाइन फ्लू से रोकथाम और इलाज के संबंध में जानकारी दी जाएगी और इससे संबंधित प्रोटोकॉल भी बताए जाएंगे. बैठक में इस बीमारी की रोकथाम के लिए विशेष दिशानिर्देश भी दिए जाएंगे.

बीमारी के लक्षण और कैसे बचें
स्वाइन फ्लू के लक्षण सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसा ही होता है. सामान्य सर्दी जुकाम तीन से चार दिनों में ठीक हो जाता है लेकिन स्वाइन फ्लू के दौरान सर्दी जुकाम काफी दिनों तक रहता है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े आदि से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए स्वाइप फ्लू काफी घातक हो सकता है. डॉ. सुभाष मिश्रा का कहना है कि इससे बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करना ही समझदारी है. जैसे ही इसके लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसका टेस्ट करवाएं ताकि शुरुआती दौर में ही बीमारी का पता चल सके.

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