खरपतवार हटाने के नाम पर सरकारी खजाने की लूट…पढ़िए पूरी खबर

राजनांदगांव। जंगल में पेड़ों के करीब उगने वाले खरपतवार को हटाने के लिए राज्य शासन ने इस साल राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल को करीब दस करोड़ से अधिक की राशि जारी की थी। शासन ने साफ तौर पर कहा था कि खरपतवार के कारण पेड़ों की वृद्धि नहीं हो पाती है, इसलिए कैंपा मद से करोड़ों रुपए की राशि जारी की गई थी। वन विभाग के अफसरों ने बिना किसी कार्ययोजना के ही यह राशि कागजों में खर्च कर दी है। जानकार सूत्रों ने बताया कि राजनांदगांव वन मंडल के अधीन उत्तर मानपुर और दक्षिण मानपुर में सर्वाधिक गड़बड़ी की गई है। वहीं खैरागढ़ वन मंडल के अधीन आने वाले साल्हेवारा रेंज में अफसरों ने लेनटाना उन्मूलन के प्रोजेक्ट को ही ध्वस्त कर दिया। बताया जाता है कि फर्जी हाजिरी और फर्जी बिल दयकों के जरिये रेंजरों ने जमकर वारा-न्यारा कर दिया है। इस मामले में कुछ नेताओं की भूमिका भी सामने आ रही है। बताया जाता है कि रेंजरों के पास मिले इस फंड के बंदरबाट में कुछ नेताओं की भी हिस्सेदारी है।

सिर्फ सड़कों के करीब काम : वन विभाग के कुछ अफसरों ने लैनटाना मद की राशि का उपयोग सिर्फ सड़कों के किनारे लगे पेड़ों के आसपास किया है। शीर्ष अफसरों को दिखाने के लिए यह साजिश रची गई है। जिले के मोहला, मानपुर और चौकी सल्हेवारा, गंडई, आदि के इलाकों में सड़क से लगे जंगल के आसपास ही लैनटाना हटाया गया है। वहीं जंगल के भीतर यह राशि खर्च ही नहीं की गई है। फर्जीवाड़े की खुलेगी पोल : राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल को लैनटाना उन्मूलन के लिए मिली राशि में गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें सामने आने के बाद शासन स्तर पर भी इसकी शिकायत किए जाने की तैयारी है। बताया जाता है कि कैम्पा मद से होने वाले कामों की जांच के लिए जबलपुर से एक टीम भी इन दिनों छत्तीसगढ़ में है। शिकायतकर्ताओ द्वारा पूरे साक्ष्य के साथ शिकायत किए जाने की तैयारी की गई है। इस पूरे मामले को लेकर डीएफओ संजय यादव का कहना है कि लेनटाना उन्मूलन के लिए राज्य के शासन द्वारा के मद से राशि दी गई थी। इसके तहत जंगल मे खरपतवार को हटाया गया है। यदि किसी रेंज में गड़बड़ी हुई है, तो उसकी जांच कराई जाएगी।

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