गुरुदत्ता राजमहतो समेत कांग्रेस ने चार पदाधिकारियों को किया निष्कासित

एमसीबी से रईस अहमद की रिपोर्ट
मनेन्द्रगढ़ – कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी राज महतो के हजार विरोध के बाद भी सपन महतो कांग्रेस के सेम्बल से पार्षद चुनाव जीत चुके हैं। पूर्व में पार्षद रहे सपन महतो के खिलाफ कांग्रेस से प्रत्याशी रहे राज महतो ने कोर्ट में केविएट याचिका दायर की थी याचिका में उन्होंने बताया कि पार्षद सपन महतो ने अपराध संबंधित जानकारी छुपाई है अंततः राज महतो की जीत हुई और जानकारी छुपाने के एवज में पूर्व पार्षद रहे सपन महतो के चुनाव को कोर्ट ने शून्य करार कर दिया।
       वार्ड नंबर 3 की खाली हुई सीट पर चुनाव होना था और 9 जनवरी को आखिर वह दिन आ ही गया जब जिला निर्वाचन आयोग ने 9 जनवरी का दिन वार्ड नंबर 3 के चुनाव के लिए सुनिश्चित किया,सपन महतो का वार्ड में चुनाव लड़ना तय था। राज महतो के द्वारा चुनाव शून्य करवाना और गुरु दत्ता का वार्ड में बन रहे सड़क को लेकर विरोध करना वार्ड नंबर 3 के लोगो को सपन के पक्ष में लाकर खड़ा कर दिया और कांग्रेस पार्टी ने वार्ड मे सपन का जनाधार देख सपन को पार्षद का टिकट दे दिया क्योंकि कांग्रेस पार्टी यह समझ चुकी थी कि राज महतो को टिकट देना मूर्खता है और वार्ड में कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ेगा। 9 जनवरी को हुए पार्षद चुनाव के बाद 12 जनवरी का दिन सपन महतो के लिए ऐतिहासिक बनगया
जब सपन महतो ने 468 वोट पाकर जीत हासिल कर लिया, वही बीजेपी को मात्र 158 वोट मिले 8 वोट खारिज हुए और नोटा ने 5 वोट प्राप्त किए, और इस प्रकार 35 साल बाद कांग्रेस पार्टी ने वार्ड में जीत हासिल कर वार्ड नंबर 3 को कांग्रेस का पार्षद दिया।
         12 जनवरी के दिन सपन महतो के जीत को सेलिब्रेट करने विधायक विनय जयसवाल, महापौर कंचन जायसवाल, नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल के साथ-साथ पूरी ब्लॉक कांग्रेस कमेटी राजेश शर्मा की अगुवाई में वार्ड नंबर 3 में पहुंची हुई थी। अचानक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष और वार्ड पार्षद ने पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाकर गुरूदत्ता और राज महतो समेत दो अन्य सदस्य को कांग्रेस से निलंबन का मांग कर दिया। भरी सभा में निलंबन की मांग को समर्थन देते हुए विधायक विनय जयसवाल और प्रभा पटेल ने निलंबन के लेटर पर हस्ताक्षर कर दिया। बताया जा रहा है कि चारो निलंबित कांग्रेसी पदाधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी सपन महतो के खिलाफ चुनाव में प्रचार किया और बीजेपी के लिए वोटिंग भी कराए जिसके फलस्वरूप चारो को पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा।

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