छत्तीसगढ़ में भी खड़ा हुआ कोयला संकट! पावर प्लांटों के पास बचा है तीन से चार दिन का ही स्टॉक

देश के अन्य राज्यों को रोशन करने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में भी कोयला संकट (Coal Crisis) खड़ा हो गया है. प्रदेश के ताप बिजली घरों में केवल तीन से चार दिन के कोयले का स्टॉक बचा है. इस बीच सोमवार को सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने SECL के CMD को ताप विद्युत संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर कोयले आपूर्ति की बात कही.

सोमवार को सीएम भूपेश बघेल ने एसईसीएल के सीएमडी एके पांडा (SECL CMD AK Panda) के साथ प्रदेश के सर्वोच्च अधिकारियों के साथ बैठक की है. इन बिजली घरों को रोजाना 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें 23 हजार 290 मीट्रिक टन की आपूर्ति ही हो पा रही है. मुख्यमंत्री ने CMD को पर्याप्त कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं

बिजली घरों को तुरंत मिले गुणवत्ता वाला कोयला: बघेल

केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण मानक के अनुसार 5 दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को क्रिटिकल स्थिति माना जाता है. बैठक में बघेल ने कहा कि यहां की खदानों से निकला कोयला देश-विदेश की जरूरत पूरी कर रहा है. यहां कोयले का उत्पादन होता है, ऐसे में यहां के ताप बिजली घरों की जरूरत का गुणवत्ता वाला कोयला तुरंत मिलना चाहिए. CMD ने अब से 29 हजार 500 मीट्रिक टन कोयला देना मंजूर किया.

बघेल ने कोयला संकट के लिए केंद्र सरकार पर साधा निशाना

बघेल ने देश में कोयले के संकट को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार एक तरफ दावा करती है कि कोयले का संकट नहीं है, दूसरी तरफ पावर प्लांट बंद हो रहे हैं. केंद्र सरकार के दावों में कोई सच्चाई नहीं है. अगर सच होता तो पावर प्लांट बंद क्यों हो रहे हैं? बघेल ने कहा कि एक तरफ पूरे देश में खाद की कमी हुई, किसानों को खाद नहीं मिली. आपूर्ति में केंद्र ने कमी की. अब कोयले की आपूर्ति नहीं कर पा रही है, आखिर केंद्र सरकार कर क्या रही है? जो विदेश से कोयला आ रहा था वह भी बंद हो गया है. रासायनिक खाद में भी कटौती हो गई है केंद्र सरकार कर क्या रही है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button