जप करने से पहले जरूर जान लें किस देवता के लिए किस माला का करना चाहिए प्रयोग

ईश्वर की साधना-आराधना से माला (Garland) का बहुत माता होता है. लगभग सभी धर्मों में माला का प्रयोग किसी न किसी रूप में जरूर होता है. हिंदू धर्म में ईश्वर को पहनाई जानी वाला माला से लेकर उनके जप के लिए विभिन्न प्रकार की बीजों वाली माला प्रयोग की जाती है. मान्यता है कि देवी-देवताओं के मंत्र जप के समय हमेशा देवी-देवता से संबंधित जैसे मोती, मूंगा, शंख, हल्दी, वैजयंती, रुद्राक्ष

आदि से बनी माला का ही प्रयोग करना चाहिए. जप के लिए वानस्पतिक उत्पादों से बनी जपमालाएं सस्ती तथा सर्वसुलभ होती हैं. सबसे अहम बात यह कि यह ज्योतिष में बताए गये मूल्यवान् रत्नों की तरह ही चमत्कारिक फल प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं कि किस देवी या देवता की पूजा, जप आदि के लिए कौन सी माला का प्रयोग करना चाहिए.

बिल्व की माला

यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर होकर अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं तो उनकी शुभता पाने के लिए आप बेल की लकड़ी से बनी माला के माध्यम से उनका मंत्र जप करें. बिल्व से बनी माला से सूर्य मंत्र का जप करने पर आपके उपर शीघ्र ही सूर्यदेव की कृपा बरसने लगेगी. बिल्व की लकड़ी से बनी माला माणिक्य की माला के समान ही शुभ फल प्रदान करती है.

तुलसी की माला

श्री हरि की साधना करने के लिए तुलसी की माला अति उत्तम मानी गई है. तुलसी को विष्णुप्रिया कहा गया है. ऐसे में यदि भगवान विष्णु या फिर उनके अवतार भगवान श्री राम एवं श्रीकृष्ण की उपासना करनी हो तो तुलसी की माला से जप करना अत्यंत ही शुभ फल देने वाला होता है.

वैजयन्ती की माला

मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती की माला बहुत प्रिय है. ऐसे में यदि आप कान्हा के अनन्य भक्त और और उनकी साधना-आराधना करके शीघ्र ही उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आप वैजयंती की माला से जरूर जप करें. वैजयंती की माला शनिदेव की साधना के लिए भी शुभ मानी गई है. ऐसे में आप शनिदोष को दूर करने और उनकी कृपा पाने के लिए इस माला से जप या फिर इसे धारण कर सकते हैं.

कमलगट्टे की माला

धन की देवी मां लक्ष्मी की साधना-आराधना के लिए कमलगट्टे का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. ऐसे में कारोबार की उन्नति और धन-धान्य की प्राप्ति की कामना को पूरा करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल के बीजों से बनी माला विशेष रूप से प्रयोग करें. कमलगट्टे की माला का प्रयोग तंत्र पूजा में भी विशेष रूप से किया जाता है.

रुद्राक्ष की माला

मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान ​शिव  के आंसुओं से हुई है. ऐसे में शिव की पूजा में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है. शिव को अत्यंत प्रिय माने जाने वाली रुद्राक्ष की माला से न सिर्फ भगवान ​शंकर के मंत्रों का बल्कि अन्य देवी-देवताओं की पूजा के दौरान मंत्र जप के लिए भी प्रयोग लाया जाता है. मान्यता है कि शिव कृपा दिलाने वाली रुद्राक्ष की माला को धारण् करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार का भय नहीं रह जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button