
केंद्र सरकार ने टीबी, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को राहत देते हुए राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (एनएलईएम) रविवार को लागू कर दी।
इससे कई बीमारियों की दवाएं सस्ती होंगी। इनमें पेटेंट दवाएं भी शामिल हैं।
करीब सात साल बाद अपडेट यह सूची 13 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की थी। इसे 350 से अधिक विशेषज्ञों ने बनाया और कुल 384 दवाएं शामिल की हैं। इनमें 4 एंटी कैंसर सहित 34 नई दवाएं हैं। 26 दवाएं हटाई भी गई हैं। 2015 की सूची में 376 दवाएं थीं।
इन दवाओं को राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) की ओर तय दामों से अधिक में नहीं बेचा जा सकता। केवल आपात उपयोग की अनुमति के चलते कोविड की दवाएं और टीके इस सूची में शामिल नहीं हैं। सूची से बाहर हुई दवाओं में रैनिटिडीन, ब्लीचिंग पाउडर, विटामिन सप्लीमेंट निकोटिनामाइड शामिल हैं।
सूची में ये प्रमुख दवाएं शामिल
- एंटी-डायबिटिक दवाएं जैसे टेनेलिग्लिप्टिन, इंसुलिन ग्लेरगीन इंजेक्शन।
- एंटीबायोटिक्स जैसे मेरोपेनम, सेफुरोक्सिम।
- आम दर्द निवारक व अन्य दवाएं जैसे मॉर्फिन, आईब्रूफिन, डाइक्लोफिनेक, पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, प्रिडनाइजोलोन, सर्प विष की दवाएं, कार्बामाजेपाइन, एल्बेंडाजोल, आइवरमेक्टिन, सिट्रीजिन, एमोक्सिलिन
- एंटी-टीबी दवा बेडाक्विलिन और डेलामानिड, एंटी एचआईवी डोलुटेग्राविर, एंटी हेपेटाइटिस सी डाक्लाट्सविर जैसी पेटेंट दवाएं
- नशे की लत छुड़वाने वाली दवाएं जैसे बुप्रेनोरफिन, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी
- हृदय रोगों व स्ट्रोक में काम आने वाली डाबिगाट्रान और इंजेक्शन टेनेक्टे प्लस
- भारत में ही विकसित रोटावायरस का टीका