
दर्रीपारा स्कूल के छात्र-छात्राएं साइकिल स्टैंड के बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर
छुरा गरियाबंद
भूपेन्द्र गोस्वामी आपकी आवाज
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दर्रीपारा स्कूल के छात्र छात्राएं साइकिल स्टैंड के बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर
दर्रीपारा स्कूल के छात्र छात्राएं साइकिल स्टैंड के बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर दर्रीपारा स्कूल के छात्र छात्राएं साइकिल स्टैंड के बरामदे में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर
दर्रीपारा। जिला मुख्यालय गरियाबंद से 25 किलोमीटर दूर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र दर्रीपारा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इस क्षेत्र में एक मात्र हायर सेकेण्ड्री संचालित है।जिसके अंतर्गत तीन हाई स्कूल एवं दस मिडिल स्कूल आश्रित हैं। जिसमें आसपास के 15 किलोमीटर दूर से छात्र-छात्राएं अध्ययन हेतु आते हैं। लेकिन उस हिसाब से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का विस्तार नहीं किया गया है।
यह विद्यालय गरियाबंद – देवभोग मार्ग पर जोबा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विदित हो कि हाई स्कूल का उन्नयन वर्ष 1995 में किया गया था। तत्पश्चात हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री में उन्नयन 2007 में किया गया है। हायर सेकेण्ड्री उन्नयन 15 वर्षों के बाद भी अब तक हायर सेकेण्ड्री का भवन शासन द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया है। इस संस्था में प्रतिवर्ष लगभग 350 छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं में कला,विज्ञान, गणित संकाय संचालित है तथा कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक कुल 8 कक्षाएं लगती है और वर्तमान में हाई स्कूल के सिर्फ चार कक्ष अध्ययन हेतु निर्मित है। जिसके कारण छात्र छात्राएं छात्रावास के अतिरिक्त कक्ष एवं 65 वीं बटालियन सीआरपीएफ कैंप दर्रीपारा द्वारा बनाये गए साइकिल स्टैंड में बैठकर अध्ययन करने हेतु मजबूर हैं। कंप्यूटर कक्ष एवं प्रयोगशाला कक्ष की भी कमी है। जिसके कारण छात्र छात्राओं एवं अध्यापकों को अध्ययन अध्यापन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।